scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़: स्वस्थ बच्चों को जन्म दे रहीं HIV पीड़ित महिलाएं

छत्तीसगढ़ में रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के डॅक्टरों ने ऐसी दवाइयां विकसि की है, जिससे HIV पीड़ित माताएं स्वस्थ बच्चों को जन्म दे रही हैं. भारत सरकार के सहयोग से तैयार की गई यह दवा इतनी अचूक है कि पैदा होने वाले बच्चो में HIV संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाता है.

Advertisement
X
रायपुर स्थि‍त डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल
रायपुर स्थि‍त डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल

छत्तीसगढ़ में रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के डॅक्टरों ने ऐसी दवाइयां विकसि की है, जिससे HIV पीड़ित माताएं स्वस्थ बच्चों को जन्म दे रही हैं. भारत सरकार के सहयोग से तैयार की गई यह दवा इतनी अचूक है कि पैदा होने वाले बच्चो में HIV संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाता है.

Advertisement

कोलकाता स्थित सेंट्रल लेबोरेट्री से आई सैंपल रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टी हुई है कि जन्म लेने वाले बच्चे पूरी तरह स्थस्थ हैं. हालांकि, जन्म लेने वाले बच्चों को भी एक साल तक इस दवा का सेवन कराना होगा. ऐसा करने से भविष्य में भी बच्चो में HIV संक्रमण होने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी. अस्पताल में अभी तक इस दवा का इस्तेमाल कर एक सौ तीस ऐसे बच्चे पैदा हो चुके हैं. इन सभी बच्चों की माताएं HIV पॉजिटिव हैं, लेकिन बच्चों में ऐसा कोई दोष नहीं है.

135 में से 130 केस सफल
डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक 135 महिलाओं पर दवा का प्रयोग किया गया, जबकि इनमें से 130 महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया. हालांकि पांच ऐसी महिलाएं भी रहीं, जिन्होंने दवा लेने के समय में लापरवाही बरती और इसका खामियाजा यह हुआ कि उनकी कोख से जन्म लेने वाला बच्चा भी एचआईवी पॉजिटिव निकला.

Advertisement

छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना संचालक डॉ. एसके भींजवार बताते हैं, '135 डिलिवरी केस हुए हैं. सभी बच्चों का EID करके हमने कोलकाता के सेंट्रल लैब में भेजा. रिपोर्ट में सिर्फ पांच बच्चों को एचआईवी संक्रमित पाया गया. इनमें से दो महिलाओं की डिलिवरी घर में हुई थी. उन्होंने इस ओर हमारी चिकित्सीय सलाह को नकार दिया था.'

देखभाल के लिए अलग वार्ड
अस्पताल में HIV पीड़ित गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए एक खास यूनिट खोली गई है. बताया जाता है कि इस यूनिट में भर्ती डेढ़, तीन, छह और एक साल की उम्र के बच्चों के ब्लड सैम्पल लिए गए थे. इस चार कैटेगरी के ब्लड सैम्पल को मेडिकल टेस्ट के लिए सेंट्रल लेबोरेट्री भेजा गया था. डॉक्टरों के मुताबिक, HIV पीड़ित गर्भवती महिलाओं को ARB मल्टी ड्रग दिया गया. प्रसव के बाद बच्चों को छह हफ्तों तक नेवरापिन सिरप दिया गया. मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने इन दवाओं में कई और दवाओं को मिलाकर ऐसी दवा विकसित की जो प्रचलित आम दवाओं से कहीं ज्यादा कारगर और सुरक्षित पाई गई.

 

Advertisement
Advertisement