scorecardresearch
 

यूथ कांग्रेस से लेकर-CD कांड में जेल तक, पढ़ें भूपेश बघेल का सियासी सफर

छत्तीसगढ़ में कई ऐसे चेहरे हैं जो अपने दम पर राज्य की राजनीति बदलने का दम रखते हैं. इन्हीं में से एक हैं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल. पढ़ें उनके राजनीतिक सफर के बारे में...

Advertisement
X
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल (फोटो, Facebook Profile)
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल (फोटो, Facebook Profile)

Advertisement

छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग के लिए कुछ ही दिन बचे हैं. राज्य में कई कद्दावर नेता ऐसे हैं, जिनकी राजनीति चुनाव का गणित बदल सकती है. इन्हीं में से एक हैं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल. सीडी कांड की वजह से भूपेश बघेल हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं.

बघेल राज्य में अपनी जमीनी पकड़ के कारण राजनीति में बड़ी पहचान बनाने में सफल रहे. वे 2014 से छत्‍तीगसढ़ कांग्रेस के अध्‍यक्ष हैं और पाटन विधानसभा से विधायक हैं.

राहुल की रैलियों से लेकर पार्टी के प्रत्‍याशियों तक उनका हर जगह दखल है. अभी कुछ दिन पहले ही सीडी कांड के कारण वह जेल गए थे और उन्होंने जमानत लेने से इनकार भी कर दिया था.

यूथ कांग्रेस से शुरू हुआ था करियर

80 के दशक में जब छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का हिस्सा हुआ करता था, भूपेश ने राजनीति की पारी यूथ कांग्रेस के साथ शुरू की थी. दुर्ग जिले के रहने वाले भूपेश दुर्ग के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने.

Advertisement

1994-95 में भूपेश बघेल को मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया. 1993 में जब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए तो भूपेश कांग्रेस से दुर्ग की पाटन सीट से उम्मीदवार बने और जीत दर्ज की. उन्होंने बीएसपी के केजूराम वर्मा को करीब 3000 वोट से मात दी थी. इसके बाद अगला चुनाव भी वो पाटन से ही जीते. इस बार उन्होंने बीजेपी की निरुपमा चंद्राकर को 3700 वोटों से मात दी थी. जब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी, तो भूपेश कैबिनेट मंत्री बने.

छत्तीसगढ़ बनते ही पहुंचे विधानसभा

2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बन गया और पाटन छत्तीसगढ़ का हिस्सा बना, तो भूपेश छ्त्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे. वहां भी वो कैबिनेट मंत्री बने. 2003 में कांग्रेस जब सत्ता से बाहर हो गई, तो भूपेश को विपक्ष का उपनेता बनाया गया.

2004 में जब लोकसभा के चुनाव होने थे, तो भूपेश को दुर्ग से उम्मीदवार बनाया गया. लेकिन बीजेपी के ताराचंद साहू ने उन्हें करीब 65 हजार वोटों से मात दे दी. 2009 में कांग्रेस ने उनकी सीट बदली और राजधानी रायपुर से चुनाव लड़वाया. इस बार उनके सामने रमेश बैश थे. रमेश बैश ने उन्हें मात दे दी. अक्टूबर 2014 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और तब से वो इस पद पर हैं.

Advertisement

क्या है वो सीडी कांड?

आपको बता दें कि 27 अक्टूबर, 2017 को छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद इस मामले ने बड़ा राजनीतिक तूल पकड़ा था.

इस मामले में BJP के प्रकाश बजाज ने ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें एक फोन आया जिसमें उनके 'आका' की सेक्स सीडी बनाने की बात कही गई.

भूपेश बघेल और विनोद वर्मा के खिलाफ अश्लील सीडी बांटने के अलावा कथित रुप से फिरौती मांगने का आरोप थे. राजेश मूणत ने भी 27 अक्टूबर 2017 को ये रिपोर्ट लिखवाई थी.

छत्तीसगढ़ के बारे में...

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.

2013 चुनाव में क्या थे नतीजे...

2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी.

Advertisement

जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

Advertisement
Advertisement