छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के थमने के साथ ही चुनावी टीमों की रवानगी शुरू हो गई है. सूबे में पहले चरण के मतदान के लिए नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के 16 संवेदनशील मतदान केन्द्रों के लिए चुनावी टीमों को शनिवार को रवाना कर दिया गया है. इन चुनावी टीमों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सामग्री के साथ भेजा गया है.
कई ऐसी चुनावी टीमें हैं, जिन्हें घने जंगलों के भीतर बसे गांव की ओर रवाना होना है. इसके चलते मतदान कर्मियों की सांसे फूली हुई हैं. नक्सलियों ने जिस तरह से चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर हिंसा फैलाई है, उससे कर्मचारी और अधिकारी डरे हुए हैं.
संवेदनशील मतदान केन्द्रों तक चुनावी टीमों को लाने और ले जाने के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की गई है. नारायणपुर के अबुझमाड़ के लिए हेलिकॉप्टर से कुछ चुनावी टीमों को भेजा गया. इन टीमों को सुरक्षित ले जाने और वापस लाने के लिए भारी तादाद में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
18 विधानसभा सीटों पर पैरामिलिट्री फोर्स की 700 कंपनियों की तैनाती की गई है. मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. प्रथम चरण के चुनाव के लिए चार हजार 336 और द्वितीय चरण के लिए 19 हजार 296 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. प्रत्येक मतदान केन्द्र में मतदाताओं के लिए वोटर सेल्फी जोन बनाए गए हैं.
वोट डालने के बाद मतदाता अपने बाएं हाथ की तर्जनी उंगली में लगी स्याही के निशान को दिखाते हुए ‘वोटर सेल्फी जोन’ के पोस्टर के साथ सेल्फी लेकर भेज सकते हैं.
चुनाव में 189 प्रत्याशी आजमा रहे हैं अपना भाग्य
छत्तीसगढ़ की पहले दौर की 18 विधानसभा सीटों पर कुल 189 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इन सीटों में बाराह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जबकि एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. बाकी पांच सीटें सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं.
इन इलाकों में 31 लाख 79 हजार लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें से महिला वोटरों की संख्या 16 लाख 21 हजार है, जबकि 15 लाख 57 हजार पुरुष मतदाता हैं. इसके अलावा 89 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं. मतदाता आसानी से मतदान कर सकें, इसके लिए 4336 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.