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छत्तीसगढ़ के पांच टूरिस्ट स्पॉट पर लोगों की आवाजाही पर रोक

छत्तीसगढ़ में बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते संपूर्ण बस्तर जलमग्न है. सुकमा में शबरी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, आंध्र प्रदेश से छत्तीसगढ़ की सरहद में दाखिल होने वाली इंद्रावती नदी भी पुरे उफान पर है.

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छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश
छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश

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छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र पानी से लबालब है. बस्तर संभाग के आधा दर्जन जिलों में जलभराव के चलते लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है. बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती से राज्य में झमाझम बारिश हो रही है. इसके चलते बस्तर में इंद्रावती नदी पुरे उफान पर है. कांकेर में दूध तो महासमुंद और धमतरी में पैरी, सोंढुर और महानदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. उधर बिलासपुर में अपने उद्गम स्थल अमरकंटक में नर्मदा नदी भी उफान पर है. इसके अलावा अरपा नदी भी खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है.

छत्तीसगढ़ में बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते संपूर्ण बस्तर जलमग्न है. सुकमा में शबरी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, आंध्र प्रदेश से छत्तीसगढ़ की सरहद में दाखिल होने वाली इंद्रावती नदी भी पुरे उफान पर है. इस नदी से सटे तेलंगाना के भद्राचलम और बस्तर के दंतेवाड़ा, बीजापुर और जगदलपुर में लोगों की जान सांसत में फंस गई है. यही हाल कांकेर, धमतरी, महासमुंद और आरंग इलाके का है. इन इलाको से गुजरने वाली महानदी, पैरी और सोंढुर नदी भी लगातार खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं.

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उधर, छत्तीसगढ़ के पांच टूरिस्ट स्पॉट पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. यहां अब पर्यटक सेल्फी भी नहीं खींच सकेंगे. लगातार चार दिनों तक हुई बारिश से ये टूरिस्ट स्पॉट खतरनाक हो गए है. इसमें बस्तर केतीरथगढ़ और चित्रकूट वॉटरफॉल, गरियाबंद का घटारानी, रायपुर का महादेव घाट और रायगढ़ का राम झरना शामिल हैं. इन सभी वाटरफॉल में जबरदस्त पानी है. इसका नजारा देखने के लिए लोग इसके करीब तक पहुंच जाते है और सेल्फी भी क्लिक करते हैं. इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

हालांकि पिछले 16 घंटे से बारिश थमने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है. अब नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है. इससे बस्तर और सरगुजा डिवीजन के बाढ़ पीड़ितों को वापस उनके घरों की ओर जाने की इजाजत दे दी गई है. इंद्रावती नदी, महानदी और नर्मदा नदी के किनारे की निचली बस्तियों के लोगों को दो दिन पहले हटा दिया गया था. उधर, बिलासपुर में अरपा नदी और नर्मदा नदी के जलस्तर पर भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. दोनों ही नदियां खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही है. छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाके बस्तर और सरगुजा डिवीजन में ऐसा कोई नदी-नाला बाकी नहीं है, जो पानी से लबालब ना हो. मौसम के रुख को देखते हुए NDRF और होमगार्ड की टीम को सतर्क कर दिया गया है.

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बाढ़ राहत केन्द्रों में चौबीसो घंटे स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की गयी है. PWD, इलैक्ट्रिसिटी, फायर ब्रिगेड, अस्पतालों और नगरी निकायों के स्टाफ की छुट्टी पर रोक लगा दी गयी है. फिलहाल मौसम विभाग के अलर्ट के बाद लोगों को आगाह किया गया है. इंद्रावती, महानदी, नर्मदा और खारुन नदी में दर्जन भर ऐसे प्वाइंट है, जहां लोग सेल्फी खिचवाते है और बाढ़ का नजारा देखने के लिए आते हैं. ऐसे प्वाइंट पर लोगों की आवाजाही पर ही रोक लगा दी गयी है, ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो. फिलहाल इन इलाको में किस तरह के हालत बनेंगे, इसका आकलन तो अगले चौबीस घंटो में होने वाली बारिश के रुख पर निर्भर करेगा.

 

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