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कमर में पिस्टल, गले में मोटी चेन, महंगी कार-बाइक... डैम से पानी बहाने वाले सस्पेंड फूड इंस्पेक्टर की नई तस्वीरें

Chhattisgarh News: मोबाइल फोन के लिए डैम से 41 लाख लीटर पानी बहाने वाले निलंबित फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास अपनी एक पुरानी फेसबुक पोस्ट के चलते फंसते नजर आ रहे हैं. महंगे मोबाइल और गाड़ियों के शौकीन राजेश की एक फोटो विदेशी पिस्तौल के साथ वायरल हो रही है. इस मामले में अब छत्तीसगढ़ पुलिस नोटिस जारी कर सकती है.

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छत्तीसगढ़ पुलिस निलंबित अधिकारी को नोटिस जारी कर सकती है.
छत्तीसगढ़ पुलिस निलंबित अधिकारी को नोटिस जारी कर सकती है.

Chhattisgarh News: कांकेर जिले के पखांजूर का एक मामला सबसे ज्यादा चर्चा में है. यहां बांध के बाहरी हिस्से में गिरे मोबाइल फोन को निकालने के लिए एक फूड इंस्पेक्टर ने करीब 41 लाख लीटर पानी बहा दिया. घटना सामने आने पर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने अधिकारी राजेश विश्वास को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था. अब निलंबित फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास अपनी एक पुरानी फेसबुक पोस्ट के चलते दूसरे मामले में फंसते नजर आ रहे हैं. महंगे मोबाइल और गाड़ियों के शौकीन राजेश की एक फोटो विदेशी पिस्तौल के साथ वायरल हो रही है. इस मामले में अब छत्तीसगढ़ पुलिस नोटिस जारी कर सकती है. 

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10 फरवरी 2022 को शेयर की गई एक पोस्ट में राजेश विश्वास अपनी कमर में एक जर्मन मेड पिस्तौल खोंसे नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही कैप्शन में लिखा दिख रहा है, ''मेरी आलोचना करने वालों से वादा है मेरा, उन्हें मेरी तारीफ करने का मौका अवश्य दूंगा...''

राजेश विश्वास के पास दिख रही पिस्तौल जर्मन मेड बताई जा रही है.

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें तस्दीक करती हैं कि निलंबित फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास महंगी गाड़ियों, महंगे मोबाइल समेत पर्यटन स्थलों पर घूमने फिरने का आदी है. रविवार को पार्टी करते वक्त ही उसका मोबाइल डैम के एक हिस्से में गिर गया था, और अपनी अफरशाही की अकड़ के चलते ही उसने डैम का करीब 41 लाख लीटर पानी खाली करा दिया था.

महंगी बाइक पर सवार राजेश विश्वास.

'मोबाइल ढूंढने में सिर्फ 7- 8 हजार रुपए ही खर्चे, एक लाख नहीं...', सस्पेंड हुए फूड इंस्पेक्टर ने 5 सवालों पर दी ये सफाई

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बता दें कि फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास रविवार (21 मई) को अपने दोस्तों के साथ इलाके के परलकोट जलाशय घूमने गया था. अधिकारियों ने बताया कि जब वह सेल्फी ले रहा था तब उसका करीब 96 हजार रुपए का  Samsung Galaxy S23 मोबाइल फोन अचानक गहरे पानी में गिर गया था. सरकारी अधिकारी ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से डीजल पंप का इस्तेमाल किया और वहां से बड़ी मात्रा में जमा पानी गुरुवार तक बाहर निकाल दिया. हालांकि, अधिकारी का मोबाइल फोन मिल गया था, लेकिन खराब हो चुका था. 

कीमती गाड़ी Thar के बोनट पर सवार अधिकारी (निलंबित) राजेश विश्वास.

वीडियो जारी कर बोला- पानी बर्बाद नहीं हुआ

अपनी सफाई में राजेश विश्वास ने बताया, डैम के पास उसकी पहचान वाले स्थानीय लोगों ने कहा कि टैंक सिर्फ 10 फुट गहरा है और फोन को ढूंढा जा सकता है. शुरू में उन्होंने इसे निकालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. फिर गोता लगाकर मोबाइल ढूंढने वाले लोगों ने सलाह दी कि यदि पानी 3-4 फुट तक खाली किया जाए तो वे फोन निकाल सकते हैं. तो मैंने सिंचाई विभाग के एसडीओ से बात की. जिन्होंने कहा कि चूंकि पानी किसानों द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाता, इसलिए आप इसे खाली करा सकते हैं. इसलिए मैंने अपने खर्चे पर स्थानीय लोगों की मदद से 2-3 फुट पानी खाली कराया और फिर फोन वापस मिल गया. मैंने पानी निकालकर पास के तालाबों में पहुंचा दिया. पानी बर्बाद नहीं हुआ. 

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SDO को भी जारी हुआ नोटिस 

उधर, शुक्रवार को जब मामला सामने आया तब कांकेर जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी और विश्वास को सस्पेंड कर दिया. कलेक्टर शुक्ला ने जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरसी धीवर को बांध के बाहरी हिस्से से पानी निकालने की मौखिक अनुमति देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जारी निलंबन आदेश के अनुसार, विश्वास ने परलकोट जलाशय के 'वेस्ट वियर' से लगभग 4104 क्यूबिक मीटर यानी 41 लाख लीटर पानी डीजल पंप से बहा दिया. 

आदेश में कहा गया कि इस घटना के संबंध में पखांजूर के एसडीएम से एक रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसमें कहा गया था कि मोबाइल फोन की तलाशी के लिए बगैर अनुमति के 4104 क्यूबिक मीटर पानी खाली कराया गया. फूड इंस्पेक्टर विश्वास ने अपने मोबाइल फोन की तलाश के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और सक्षम अधिकारी से अनुमति के बिना भीषण गर्मी के मौसम में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया, जो अस्वीकार्य है. इस कृत्य के लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. 

स्वीमिंग पूल में नहाते हुए निलंबित फूड इंस्पेक्टर. (फोटो: सोशल मीडिया)

वहीं, सिंचाई विभाग के एसडीओ धीवर को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि मीडिया में विश्वास के बयानों के अनुसार उसने इसके लिए धीवर से मौखिक अनुमति मांगी थी. बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के पानी बहाने की मौखिक अनुमति देना कदाचरण की श्रेणी में आता है. एसडीओ को 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है और विफल रहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. साथ ही अधीक्षण अभियंता कार्यालय ने एसडीओ आरके धीवर के वेतन से पानी की राशि वसूलने का आदेश दिया है.

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राज्य को अपनी पुश्तैनी जागीर समझ बैठे अधिकारी: रमन सिंह 

इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सत्ताधारी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि भूपेश बघेल सरकार में अधिकारी राज्य को अपनी पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं. 

सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''दाऊ (भूपेश बघेल) की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं. आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं, अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लाखों लीटर पानी बहा रहे हैं, इतने पानी में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी.'' 

CM भूपेश बघेल का जवाब

रमन सिंह के ट्वीट पर पलटवार करते हुए CM भूपेश बघेल ने लिखा, ''2 बातें हैं डॉक्टर साहब: - 1. पहली ये कि अपने पद का दुरुपयोग करने का हक 'नवा छत्तीसगढ़' में किसी को नहीं है, जिस अधिकारी ने यह कृत्य किया है उसे निलंबित किया जा चुका है. वो दौर बीत गया जब लोग सत्ता में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे और अपने बेटे का 'पनामा' में खाता खुलवाते थे. 2. दूसरी बात ये है कि आज हमने मितान योजना में राशन कार्ड को जोड़ा है, अब 14545 पर फोन करके मितान को घर बुलाएं और घर बैठे ही राशन कार्ड बनवाएं. यह बहुत अच्छी शुरुआत है, इसको आप आगे 3 लोगों को बताएं और उनसे कहें कि वो भी आगे 3 लोगों को बताएं. जय छत्तीसगढ़.''

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