scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़: कल हड़ताल पर रहेंगे डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी

छत्तीसगढ़ में अपनी मांगों को लेकर डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने 27 जून को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है.

Advertisement
X
छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों ने किया हड़ताल पर जाने का ऐलान
छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों ने किया हड़ताल पर जाने का ऐलान

Advertisement

छत्तीसगढ़ में अपनी मांगों को लेकर डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने 27 जून को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. कर्मचारी अपने वेतन भत्तों और सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पिछले दो सालों से सरकार के साथ बातचीत कर रहे थे. लेकिन बातचीत बेनतीजा रही. कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि, बीजेपी ने वर्ष 2013 में अपने पार्टी घोषणा पत्र में उनसे जो वादे किए थे वो अभी तक अधूरे हैं.

कर्मचारियों के मुताबिक, अब राज्य में चुनावी आचार संहिता लगने में चंद महीने ही बचे हैं. इसके बावजूद बीजेपी सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. बता दें कि कर्मचारियों ने सामूहिक हड़ताल के लिए 27 जून की तारीख काफी पहले निर्धारित कर रखी थी. ताकि इस दिन प्रदेश के सभी 27 जिलों में कर्मचारी अपनी ताकत दिखा सकें.

Advertisement

सरकार के लगभग 52 विभागों में प्रदेश स्तरीय इस हड़ताल से कामकाज ठप होने के आसार बढ़ गए हैं. दूसरी ओर सरकार ने प्रदर्शनकारी संगठनों से बातचीत करने से इंकार कर दिया है. इसके चलते सोमवार की शाम तक कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच कोई ठोस पहल नहीं हो पाई. छत्तीसगढ़ लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह के मुताबिक, मंत्रालय में चपरासी से लेकर बाबू तक सामूहिक अवकाश में रहेंगे.

प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रान्तीय प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया कि ढाई लाख कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में बीजेपी ने वादा किया था कि यदि वो तीसरी बार सत्ता में आई तो कर्मचारियों के कल्याण के लिए उन्हें सड़कों पर नहीं उतरना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में सरकारी कर्मचारियों की वेतन भत्तों और सुविधाओं में बढ़ोतरी का जो वादा किया था उस दिशा में पांच सालों में कोई काम नहीं हुआ. यहां तक कि सातवें वेतनमान को मंजूरी देने में कोताही बरती गई.

चपरासियों और बाबुओं ने अपने अफसरों को सौंप दी चाबी

सामूहिक हड़ताल के मद्देनजर सरकारी दफ्तारों के चपरासियों और बाबुओं ने अपनी अलमारियों की चाबी अपने विभागाध्यक्ष को सौंप दी है. अफसर इस हड़ताल में शामिल नहीं है. लिहाजा वे अपनी ड्यूटी में तैनात रहेंगे. लेकिन सबसे ज्यादा तकलीफ चपरासियों के नदारद रहने से होने वाली है. दफ्तर खोलने और उसकी साफ़ सफाई से लेकर कई तरह के जरूरी कामों की जिम्मेदारी चपरासियों के कंधों पर होती है. उनके सामूहिक अवकाश में रहने से बुधवार का दिन अफसरों पर भारी गुजरने वाला है.

Advertisement
Advertisement