scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़: कांग्रेस सरकार ने रमन सिंह की मोबाइल बांटने की योजना पर लगाई रोक

छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के दौरान शुरू हुई मोबाइल वितरण योजना पर कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही ग्रहण लगा दिया है. यही नहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई पुरानी योजनाओं की समीक्षा के निर्देश दिए हैं. 

Advertisement
X
रमन सिंह मोबाइल वितरित करते हुए (फाइल फोटो)
रमन सिंह मोबाइल वितरित करते हुए (फाइल फोटो)

Advertisement

छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होते ही भूपेश बघेल ही एक्शन में है. सूबे में डीजीपी बदलने के बाद अब रमन सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री बघेल ने रमन सरकार के द्वारा शुरू की गई मोबाइल वितरण योजना पर फिलहाल रोक लगा दी है. इसके अलावा स्काई योजना की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं.

रमन सरकार के दौरान राज्य में संचार क्रांति योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 55 लाख परिवारों की महिलाओं और छात्रों को मुफ्त मोबाइल फोन वितरित करने का लक्ष्य रखा था. राज्य में हुए चुनाव से पहले तक करीब 30 लाख परिवारों को मोबाइल फोन का वितरित किया गया था. जबकि करीब 25 लाख मोबाइल बांटे नहीं जा सके हैं. ये योजना पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक थी.

Advertisement

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार शाम मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्देश दिया कि राज्य सरकार ने किसानों को धान पर 2500 रुपए प्रति क्विंटल की राशि देने और कृषि कर्ज माफी का फैसला लिया है. इस संबंध में जिला स्तर पर सभी जरूरी जानकारी भी तैयार रखें.

बघेल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एएन उपाध्याय की जगह नक्सल अभियान के विशेष महानिदेशक डीएम अवस्थी को नया डीजीपी नियुक्त किया है. राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार राज्य शासन ने 1986 बैच के अखिल भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अवस्थी को पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी है.

मुख्यमंत्री ने सूबे के जिलाधिकारियों से कोल माफिया, भू माफिया और सट्टेबाजी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अपराधियों पर पुलिस का खौफ दिखना चाहिए और जनता पुलिस को अपना सहयोगी समझे.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही बघेल ने कैबिनेट की बैठक की और किसानों का कर्ज माफ कर दिया. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में झीरम घाटी कांड की एसआईटी से जांच कराने का भी निर्णय लिया था.

Advertisement
Advertisement