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छत्तीसगढ़ में किसानों का अल्पकालीन कर्जमाफी का आदेश जारी, BJP ने बताया धोखा

छत्तीसगढ़ में किसानों का अल्पकालीन कर्जमाफी का आदेश जारी हो गया है. 30 नवंबर 2018 तक प्रदेश के सभी सहकारी व ग्रामीण बैंकों से लिए गए किसानों के अल्पकालीन ऋण माफ किए गए हैं.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव (फोटो-Twitter/@bhupeshbaghel)
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव (फोटो-Twitter/@bhupeshbaghel)

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छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के बाद किसानो की कर्जमाफी की घोषणा तो कर दी लेकिन इसे लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है. क्योंकि राज्य सरकार ने बुधवार को जो आदेश जारी किया है उसमें सिर्फ अलपकालीन कर्ज माफ करने के निर्देश हैं. किसान पशोपेश में हैं कि आखिर सभी कर्ज माफ होंगे या नहीं. दूसरी तरफ बीजेपी इसे किसानों के साथ धोखा बता रही है.

दरअसल छत्तीसगढ़ में किसानो ने तीन प्रकार के कर्ज लिए हुए हैं. किसानो का एक तबका अल्पकालीन और दूसरा तबका दीर्घकालीन लोन लेने से कर्जदार है. जबकि तीसरा तबका फसली ऋण लेने वाले कर्जदारों का है. अल्पकालीन कर्ज लेने वाले ऐसे किसान है जो खेतों की जमीन ठीक करने और निराई, गुड़ाई करके उसे उपजाऊ बनाने के लिए विभिन्न बैंकों से कर्ज लेते हैं. जबकि दीर्घकालीन कर्ज लेने वाले वो किसान हैं जो कृषि उपकरण जैसे कि ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और दूसरे कृषि यंत्र खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज लेते हैं. फसली ऋण वो है जो फसल बुआई से लेकर उसकी कटाई तक लिया जाता है. ज्यादातर किसान फसली ऋण के मामले में डिफॉलटर हैं.

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ऐसे किसानों को इस कर्ज की अदायगी फसल कटने के साथ उसकी बिकावली के तुरंत बाद करनी होती है. कभी फसल खराब होने तो कभी सूखा या अकाल पड़ने पर वो कर्ज का भुगतान नहीं कर पाते. लिहाजा तीनों ही श्रेणियों के किसान अपने सभी प्रकार के कर्ज की माफी की मांग कर रहे हैं.  

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भूपेश बघेल ने सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी पर फैसला करने की बात कही थी. इसे अमली जामा पहनाते हुए कांग्रेस सरकार ने 30 नवंबर 2018 तक के सभी सहकारी और ग्रामीण बैंकों से लिए गए किसानों के अल्पकालीन कर्ज माफ कर दिए हैं.  

राज्य की कांग्रेस सरकार ने 10 दिनों के भीतर ही कर्जमाफी का ऐलान किया था. अब किसानों को इस बात का इंतजार है कि फसली ऋण और दीर्घकालीन ऋण के माफ़ होने का आदेश कब जारी होगा. दरअसल कांग्रेस के कर्जमाफी के ऐलान को किसानों ने सभी तरह के कर्जमाफी के रूप आत्मसात किया. उन्हें इस बात का भरोसा है कि कांग्रेस कर्जमाफी मतलब सभी तरह के कर्ज माफ करेगी.

गौरतलब है कि शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने वादे को पूरा करने की बात करते हुए 6100 करोड़ के कर्ज को माफ करने की घोषणा की थी. फ़िलहाल अल्पकालीन ऋण की माफी होने के बाद किसानों की सांसें फूली हुई हैं. वो फसली ऋण और दीर्घकालीन ऋण की माफी की उम्मीद में हैं.

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दूसरी तरफ अल्पकालीन ऋण की माफी का आदेश जारी होने के बाद राजनीति शुरू हो गई. बीजेपी ने इस आदेश को किसानों के साथ छलावा करार दिया है. बीजेपी प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर वो फसली ऋण और दीर्घकालीन ऋण की माफी का ऐलान 10 दिनों के भीतर ऐलान करेगी या नहीं.  

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