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बाघों की संख्या पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त, सेंचुरी से पूछा क्यों नजर नहीं आते बाघ

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बाघों की संख्या पर चिंता जाहिर की है. अचानकमार टाइगर रिजर्व सेंचुरी हाईकोर्ट के निशाने पर आ गई है. कोर्ट ने सेंचुरी में बाघों की संख्या के दावों पर सवाल खड़े किए हैं.

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अचानकमार टाइगर रिजर्व सेंचुरी में बाघों की संख्या पर सवाल
अचानकमार टाइगर रिजर्व सेंचुरी में बाघों की संख्या पर सवाल

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बाघों की संख्या पर चिंता जाहिर की है. अचानकमार टाइगर रिजर्व सेंचुरी हाईकोर्ट के निशाने पर आ गई है. कोर्ट ने सेंचुरी में बाघों की संख्या के दावों पर सवाल खड़े किए हैं.

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हाईकोर्ट ने चार साल पुरानी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाघों की संख्या के सरकारी आंकड़ो पर सवाल उठाए. कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि अचानकमार टाइगर रिजर्व सेंचुरी में 28 बाघ होने का दावा व्यवहारिक नहीं लगता. कोर्ट ने कहा कि वहां इतने बाघ होते तो दिखते जरूर.

दरअसल बिलासपुर स्थित अचानकमार टाइगर रिजर्व सेंचुरी में हर महीने हजारों पर्यटक बाघ देखने आते हैं. लेकिन पर्यटकों को मायूसी हाथ लगती है. सुबह से शाम तक घूमने पर भी पर्यटकों को कोई बाघ नजर नहीं आता. जबकि वन विभाग का दावा है कि यहां 19 बाघ है.

सरकार से मांगा जवाब
अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार चार हफ्तों के अंदर बताए कि बीते 6 महीनों में बाघ संरक्षण के लिए क्या किया गया.

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2012 में दायर की गई याचिका
रायपुर के नितिन सिंघवी ने 2012 में एक याचिका दायर की थी. याचिका में दो साल के अंदर बाघों के अवैध शिकार और उनकी अचानक मौत पर सवाल उठाए थे.

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