छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के बाद मामले की जांच को लेकर एक RTI एक्टिविस्ट ने राज्य के प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र भेजा है. इस पत्र में सुनियोजित रूप से हुए भ्रष्टाचार, करोड़ों के गोलमाल और अयोग्य व साधारण बाबू स्तर के कर्मियों को एकाउंट ऑफिसर्स बनाए जाने का पूरा ब्यौरा दर्ज है.
चीफ सेक्रेटरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर को जल्द जांच के निर्देश दिए गए. लेकिन ऊपर से नीचे तक अफसरों के चपेट में आने के अंदेशों के चलते जांच की फाइल अलमारी में कैद कर दी गई है.
क्या है मामला?
दुर्ग के एक प्रमुख इलाके में तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी का निर्माण कराया गया. इस योजना के तहत हाउसिंग बोर्ड ने सामान्य और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए लगभग दो हजार मकान निर्मित किए. इसमे LIG, MIG डुम्पेक्स बनाए गए. इस पूरी योजना में मकानों के निर्माण के पहले ही ठेकेदारों को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया. नियमों के तहत मकानों के निर्माण और उसकी गुणवत्ता की जांच के उपरांत ही ठेकेदारों के बिलों का भुगतान किया जाता है. लेकिन ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए अफसरों ने निर्माण कार्य शुरू किए बगैर ही पहली खेप में ही 200 करोड़ और दूसरी खेप में लगभग 160 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया.
तालपुरी प्रोजेक्ट वर्ष 2007 में शुरू किया गया था, जिसे चार वर्षों में पूर्ण किया जाना था. लेकिन यह योजना 2018 में भी पूरी नही हो पाई है. शिकायतकर्ता के मुताबिक, इस योजना की प्रारंभिक चरण की मूल रकम लगभग 600 करोड़ रुपये समय पूर्व भुगतान कर खुले बाजार में लगा दिए गए.
इतनी बड़ी सरकारी रकम शेयर मार्केट में लगाए जाने के बाद अफसरों ने करोड़ों रूपये कमाए. इसी वजह से यह योजना अपने निर्धारित समय चार साल के भीतर पूर्ण होने के बजाए दस सालों में भी पूरी नहीं हो पाई. इस योजना में बगैर निर्माण कार्य के ठेकेदारों को हुए भुगतान का पूरा विवरण RTI दस्तावेजों समेत चीफ सेक्रेटरी को सौंपा गया है.
चारों ओर से हो रहा भ्रष्टाचार
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार चारों ओर से हो रहा है. अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए अयोग्य और साधारण बाबुओं को एकाउंट अधिकारी बना दिया गया है. एकाउंट अधिकारी के लिए शैक्षिणक योग्यता बीकॉम अथवा एमकॉम डिग्री के साथ साथ अकाउंटेंसी में विशेष योग्यता और अनुभव होना चाहिए. लेकिन आर्ट्स में ग्रेजुएट अर्थात बीए पास बाबुओं को एकाउंट अफसर बना दिया गया. ऐसे अयोग्य एकाउंट अफसरों की संख्या दो दर्जन के लगभग है.
अयोग्य कर्मियों को बना दिया गया एकाउंटेंट
शिकायत में यह भी बताया गया है कि साधारण मात्र बीए पास एक बाबू को हाउसिंग बोर्ड का चीफ एकाउंट ऑफिसर बना दिया गया है. अयोग्य और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने 15 अप्रैल को एक परीक्षा आयोजित की है. इस परीक्षा के जरिए एकाउंट अधिकारी के 11 पदों पर सीधी भर्ती की जानी है. शिकायत में कहा गया है कि ये सभी 11 पद विभागीय कर्मियों की पदोन्नति से भरे जाने थे. लेकिन नियमों से छेड़छाड़ कर इसे व्यापमं द्वारा परीक्षा लेकर भर्ती की जाने की तैयारी की गई है. ताकि उन पर कोई उंगली ना उठ सके.