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महिला कॉन्स्टेबल से फोन पर IG करते थे 'गंदी बात', जबरन रिटारमेंट की लटकी तलवार

छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर आईपीएस और पुलिस मुख्यालय में पदस्त आईजी पवन देव पर कंपलसरी रिटारमेंट की तलवार लटक रही है. एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ जोर-जबरदस्ती और बदसलूकी करने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है.

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1992 बैच के IPS अधिकारी हैं पवन देव
1992 बैच के IPS अधिकारी हैं पवन देव

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छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर आईपीएस और पुलिस मुख्यालय में पदस्त आईजी पवन देव पर कंपलसरी रिटारमेंट की तलवार लटक रही है. एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ जोर-जबरदस्ती और बदसलूकी करने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है.

यह मामला लगभग डेड़ साल पुराना है, जब पवन देव बिलासपुर रेंज के आईजी थे. पवन देव पर आरोप है कि उस वक्त वह एक लेडी कॉन्स्टेबल को अपने सरकारी आवास के टेलीफोन और मोबाइल नंबरों से आधी रात फोन करके अश्लील बातें किया करते थे, तो कभी उससे अपने प्रेम का इजहार करते थे. लेडी कॉन्स्टेबल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित विशाखा कमिटी से आईजी की शिकायत कर दी, जिसके बाद कमिटी ने अपनी जांच में आईजी को दोषी पाया था.

एक महिला आईएएस की अध्यक्षता और तीन महिला आईपीएस अधिकारियों वाली विशाखा कमिटी ने अपनी रिपोर्ट साल भर पहले छत्तीसगढ़ सरकार को सौंपी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने महीनों बाद भी आरोपी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उधर शिकायतकर्ता लेडी कॉन्स्टेबल का आरोप था कि उसे साल भर से परेशान किया जा रहा है और आईजी पवन देव उस पर अपनी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं.

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इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से कोताही के आरोपों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी. इसमें पवन देव के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी उसे और शिकायतकर्ता को देने को कहा गया है.

बता दें कि यह दूसरा मौका है जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में राज्य सरकार से एक्शन रिपोर्ट मांगा है. इससे पहले मार्च 2017 में गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब किया था.

मुंगेली जिले की एक महिला कांस्टेबल ने 30 जून 2016 को आईजी पवन देव के ऊपर फोन पर अश्लील बातें करने और अनुचित दबाव बनाकर अपने बंगले पर बुलाने का आरोप लगाया था. इस मामले में विशाखा कमिटी की रिपोर्ट के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से अब यह हाई प्रोफ़ाइल मामला प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग तक जा पंहुचा है.

इससे पहले पुलिस हेडक्वाटर में पदस्त AIG भी इसी तरह के एक मामले में दोषी पाए गए थे. उस दौरान AIG संजय शर्मा को केंद्र सरकार के निर्देश पर कंपलसरी रिटारमेंट दे दिया गया था. अब इसी तर्ज पर आईजी पवन देव पर कंपलसरी रिटारमेंट की तलवार लटक रही है. बताया जा रहा है कि इस बार केंद्र सरकार के गंभीर रुख के चलते राज्य का गृह मंत्रालय विशाखा कमिटी की रिपोर्ट को जस का तस केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने की तैयारी में है.

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