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छत्तीसगढ़ में गायों की मौत मामले की होगी न्यायिक जांच

जस्टिस ए.के. सामंत रे की अध्यक्षता में गठित आयोग पूरे मामले की जांच करेगा. गायों की मौत होने के मामले में केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. इस पूरे मामले में कांग्रेस ने भी सरकार की घेराबंदी कर रखी है. लिहाजा न्यायिक जांच आयोग गठित कर सरकार ने तमाम विरोधियों को जवाब दिया है.

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छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने दिए आयोग गठन के आदेश
छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने दिए आयोग गठन के आदेश

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छत्तीसगढ़ में गायों की मौत के मामले की न्यायिक जांच होगी. राज्य की बीजेपी सरकार ने राजपुर के शगुन गौशाला, गोमर्डा के फूलचंद गौशाला और मयूर गौशाला में दो सौ से ज्यादा गायों की मौत होने के मामले में न्यायिक जांच किए जाने का आदेश दिया है.

केंद्र ने मांगी थी रिपोर्ट

जस्टिस ए.के. सामंत रे की अध्यक्षता में गठित आयोग पूरे मामले की जांच करेगा. गायों की मौत होने के मामले में केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. इस पूरे मामले में कांग्रेस ने भी सरकार की घेराबंदी कर रखी है. लिहाजा न्यायिक जांच आयोग गठित कर सरकार ने तमाम विरोधियों को जवाब दिया है.

जांच के लिए तय छह बिंदु

राज्य शासन द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. जांच के लिए छह बिंदु तय किए गए हैं.

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1. पशुओं की मृत्यु किन कारणों से हुई है?

2. क्या घटना घटित होने से रोकी जा सकती थी?

3. घटना के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है?

4. घटना की पुनरावृत्ति ना हो, इस उद्देश्य से गौशालाओं के समुचित प्रबंधन हेतु क्या-क्या सुधार किये जा सकते हैं?

5. गौशाला पंजीयन एवं अनुदान तथा पर्यवेक्षण की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने हेतु क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं?

6. गौशालाओं के प्रबंधन को अनवरत रूप से व्यवस्थित रखने के लिए विधि के प्रावधानों को किस तरह से प्रभावी बनाया जाना चाहिए?

बता दें कि सरकारी आकड़ों में अब तक 46 गायों की मौत हो चुकी है. अब न्यायिक आयोग गौशालाओं की हालत का जायजा लेगा.

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