मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी चौथी बार जीत हासिल करने के लिए अपने कई मौजूदा विधायकों की बली चढ़ा सकती है. पार्टी दोनों राज्यों में उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने में लगी है. ऐसे में माना जा रहा है कि एंटी इनकम्बेंसी को दूर करने के लिए पार्टी ने टिकट काटने की रणनीति अपना सकती है.
छत्तीसगढ़ में पहले चरण के लिए मंगलवार से नामांकन शुरू हो गया है. बीजेपी हर हाल में चौथी बार भी सियासी जंग फतह करने के जुगत में जुटी हुई है. बीजेपी मिशन 65 प्लस के लक्ष्य को पाने के लिए 43 सीट पर नए चेहरों मौका दे सकती है.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी अपने 22 विधायकों का टिकट काट सकती है, जिनमें 3 मंत्री भी शामिल हैं. 15 साल से राज्य में सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस भी अपने एक दर्जन विधायकों का टिकट काट सकती है. हालांकि, कांग्रेस के 4 मौजूदा विधायक पहले ही पार्टी से बगावत कर अजीत जोगी की पार्टी से जुड़ गए हैं.
बता दें कि 2013 के चुनाव में बीजेपी के 5 मंत्री चुनाव हार गए थे. हालांकि पार्टी ने पिछले चुनाव में भी करीब इतने ही विधायकों का टिकट काटे गए थे. बताया जा रहा है कि पार्टी की आंतिरक सर्वे में जिन विधायकों और मंत्रियों का नाम सी और डी ग्रेड में आए हैं, उनके टिकट कटने लगभग तय हैं.
MP में कई विधायकों पर गिरेगी गाज
मध्य प्रदेश में बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने में जुटी है. पार्टी जीतने वाले उम्मीदवारों के चयन के लिए शिवराज सरकार कैबिनेट के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मंगलवार को विभिन्न जिलों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात करेंगे. इसके बाद प्रत्येक विधानसभा से तीन नाम को अंतिम रूप देंगे, जिसमें एक नाम की घोषणा की जाएगी.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ रविवार को हुई बैठक में उम्मीदवारों के लेकर फैसला किया गया है. शाह ने पार्टी नेताओं को सलाह दी है कि जिन विधायकों के टिकट कांटे जाने हैं, उन्हें आत्मविश्वास में लेकर फैसला लें.
राज्य मंत्रियों और बीजेपी राज्य के वरिष्ठ नेता अगले दो दिनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर तीन नामों को फाइनल करेंगे. एंटी इनकम्बेंसी से जूझ रही शिवराज सरकार को चौथी बार जीत दिलाने के लिए बड़ी संख्या में टिकट काटने का दांव चल सकती है.