छत्तीसगढ़ में मानसून की पहली बारिश ने सरकारी निर्माण कार्यों और बारिश के पहले हालात सामान्य बनाए रखने के तमाम काम काजों की पोल खोल कर रख दी है.
रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़, धमतरी और महासमुंद में बारिश के पहले दौर में ही जलभराव के हालात बन गए है. शहरी इलाकों का बुरा हाल है. सभी मुख्य मार्गों में जलभराव की स्थिति है. पानी की निकासी का कोई कारगर बंदोबस्त नहीं होने के चलते लोगों के घरों में पानी घुस गया.
निचली बस्तियों का तो और बुरा हाल था. यहां के रहवासियों ने जलभराव के चलते पूरी रात जागकर गुजारी. यही हाल व्यापारिक प्रतिष्ठानों का भी रहा. दुकानों में पानी घुस जाने से कई व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
मौसम विभाग ने मानसून की पहली बारिश का आंकड़ा 4 सेंटीमीटर दर्ज किया है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी दी है. उसके मुताबिक दक्षिण छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से में 11 और 12 जुलाई को सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना है.
मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के आसमान पर 7.6 किलोमीटर उचाई तक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है. इससे तेज बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है.
राज्य के कई सड़कों पर पानी भरने से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भी करीब पांच घंटे तक बाधित रहे. शहरी इलाकों में परिवहन और यातायात व्यवस्था का बुरा हाल रहा. रायपुर और बिलासपुर रेल मंडल की कई ट्रेनें भी बारिश की वजह से प्रभावित रही.
उधर, बिलासपुर रेल मंडल में एक बड़ा हादसा टल गया. रायपुर की ओर आ रही बरौनी गोंदिया एक्सप्रेस के सामने तेज बारिश की वजह से अचानक रेलवे ट्रैक पर पहाड़ का टुकड़ा गिर गया और देखते ही देखते रेलवे ट्रैक के ऊपर पत्थरों का ढेर इकट्ठा हो गया.
चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए आनन-फानन में एमरजेंसी ब्रेक लगाकर एक्सप्रेस में बैठे यात्रियों की जान बचा ली. इस घटना की वजह से बिलासपुर-पेण्ड्रारोड रेल खंड बाधित हो गया हालांकि दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद रेलवे की टीम ने इस ट्रैक पर यातायात सामान्य किया. बारिश की वजह से रेलवे काफी सतर्कता बरत रहा है. खसतौर पर जंगलों और पहाड़ों के इर्द गिर्द से गुजरने वाली रेलवे लाइन पर निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं.