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छत्तीसगढ़: शहीदों का अपमान, नक्सली हमले में मारे गए जवानों की वर्दी कचरे में मिली

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शहीद जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में पड़े होने का मामला सामने आया है. घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है. राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को मुठभेड़ में 14 जवान शहीद हो गए थे तथा 15 अन्य घायल हैं.

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शहीदों का अपमान
शहीदों का अपमान

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शहीद जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में पड़े होने का मामला सामने आया है. घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है. राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को मुठभेड़ में 14 जवान शहीद हो गए थे तथा 15 अन्य घायल हैं.

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घटना के बाद जवानों के शवों और घायलों को रायपुर रवाना किया गया तथा शवों का यहां के डाक्टर भीम राव अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शहीद जवानों की वर्दी अस्पताल के किनारे कचरे के ढेर में फेंक दिया गया. इधर, जब इस मामले का खुलासा हुआ तब रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय अस्पताल पहुंच गए और वर्दियों को एकत्र कर कांग्रेस भवन ले आए. बाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों ने वर्दियों को अपने कब्जे में लिया. घटना के बाद कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया और कहा कि शहीदों का अपमान करने वाली सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है.

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी. एस. सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इसके लिए शहीदों के परिजनों और पूरे देश से माफी मांगे. जो सरकार शहीदों की स्मृतियों का सम्मान नहीं कर सकती उसे सत्ता में एक क्षण भी बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. बीजेपी सरकार शहीदों के अवशेषों को भी संभालकर नहीं रख सकी.

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बघेल ने कहा कि मुर्दाघर के बाहर जवानों के जूते, कपड़े बिखरे पड़े हैं. शहीद जवानों की वर्दी कूड़ेदान में पड़ी मिलती है. शरीर के टुकड़ों को कुत्ते खा रहे हैं.

बीजेपी की सरकार में इतनी मानवता, इतनी सौजन्यता नही है कि शहीदों के अवशेषों और स्मृतियों को सम्मान के साथ रखे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार के लिए यह नई बात भी नहीं है. इसके पहले शहीद जवानों के शव दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल में कूड़ा गाड़ी में ढोए गए थे.

जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने बताया कि जब उन्हें जवानों की वर्दी कचरे में पड़े होने की जानकारी मिली तब वह अस्पताल पहुंचे और कूड़ेदान में पड़े जवानों के 10 जोड़ी जूते और चार वर्दियों को एकत्र कर कांग्रेस भवन ले आए.

उपाध्याय ने बताया कि बाद में शाम को जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारी कांग्रेस भवन पहुंचे तब वर्दियों और जूतों को उनके हवाले कर दिया गया.

इधर, राज्य में नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके विज ने कहा कि जवानों के शवों के पोस्टमार्टम के बाद वर्दियों को पुलिस अपने साथ ले आती है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो पाया.

घटना की जानकारी मिलने के बाद सीआरपीएफ के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई तथा वर्दियों को वापस मंगाने के लिए कहा गया, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उपमहानिरीक्षक प्रदीप चंद्रा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वर्दी को मंगा लिया गया है तथा इस मामले में गलती किसकी है जांच की जा रही है.

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इनपुट: भाषा से...

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