छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थानीय नक्सली देश की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने में पीछे नहीं है. अपने गांव में मूलभूत सुविधाओं के टोटे और सरकार की योजनाओ के नहीं पहुंच पाने के कारण उन्होंने हथियार उठा लिया था.
नक्सली बनने वाले लोग इस बात से नाराज थे कि आजादी के इतने सालों बाद भी उनके गांव में ना तो केंद्र सरकार पहुंच पाई और ना ही राज्य की योजनाओं का कोई लाभ उन तक पंहुचा. उनके जज्बातों को नक्सलियों ने और भड़काया. उन्होंने उन्हें बगावत और हिंसा का पाठ पढ़ाया. ऐसे में इन ग्रामीणों ने हथियार थाम लिया था. लेकिन अब उनकी सोच बदली है और वे नक्सलियों के असल इरादों को भाप गए हैं. मुख्यधारा में वापस लौटना चाहते है. नक्सली आत्मसमर्पण से रोकने के लिए उन्हें और उनके परिजनों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. बीते 24 घंटों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने अपने इसी तरह के बयान दर्ज कराए हैं.
बस्तर जिले में मंगलवार को सात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था और आज बुधवार को पांच और नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए.
दूसरी ओर, बीजापुर और सुकमा में सुरक्षा बलों ने पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. इन नक्सलियों पर ग्रामीणों की हत्या और कई संगीन वारदातों को अंजाम देने का आरोप है. ये सभी नक्सली लंबे समय से फरार थे.
मुखबिर की मिली सूचना के आधार पर इन्हें कुतुलनार से गिरफ्तार किया गया. वहीं सुकमा के कुकानार थाना क्षेत्र ग्राम जंगेरास के जंगल के पहाड़ी पर बने नक्सली कैंप को पुलिस ने ध्वस्त कर दिया. मौके से भारी मात्रा में नक्सलियों का सामान बरामद हुआ.