छत्तीसगढ़ में जल्द ही लगभग 100 स्कूल संग्रहालय में तब्दील हो जाएंगे. इसके लिए केंद्र सरकार आर्थिक मदद देगी. ये सभी स्कूल सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुराने हैं. इनकी प्राचीन इमारतें अंग्रेजी शासनकाल की याद दिलाती है.
दरअसल, राजीव गांधी शिक्षा मिशन ने 100 साल से पुराने अंग्रेजों के जमाने के स्कूलों को धरोहर स्कूल के रूप में विकसित करने की पहल की है. इन स्कूलों को संग्रहालय के तौर पर तैयार किया जाएगा. पहले चरण में बनने वाले संग्रहालय के लिए जिले के 61 स्कूलों का चयन किया गया है.
छत्तीसगढ़ में सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुराने सैकड़ों स्कूल आज भी मौजूद हैं. हालांकि कई ऐसे भी स्कूल हैं जिनका जीर्णोद्धार हो चुका है. इन स्कूलों के कक्ष और बरामदे आधुनिक निर्माण शैली से स्थापित किए गए हैं. लेकिन कई स्कूलों की प्राचीन इमारतों की मरम्मत कर उसे जस का तस रखा गया है. इन इमारतों के इर्द-गिर्द नए स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है.
शिक्षाविदों का मानना है कि स्कूलों में बच्चों के घर और सामूदायिक परिवेश से जीवंत संबंध स्थापित होने वाला माहौल मुहैया किया जाना चाहिए. इसके लिए स्कूलों की प्राचीन इमारतें कारगर बताई गई हैं.
संग्रहालय की स्थापना के संबंध में राजीव गांधी शिक्षा मिशन की ओर से एससीईआरटी संचालक को पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि विरासत के प्रत्यक्ष ज्ञान से बच्चों को रूबरू करना चाहिए. इसके लिए प्राचीन स्कूलों का चयन कर उसे संग्रहालय में विकसित करने की योजना का ब्यौरा दर्ज है.
पहले खेप में उन स्कूलों का चयन किया गया है जो 117 वर्ष से ज्यादा पुराने हैं. माना जा रहा है कि इस पहल के चलते नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति विरासत व पुरातन प्रचलित तथ्यों को जानने का अवसर मिलेगा.