छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े एक सहयोगी की गिरफ्तारी हुई है. यह शख्स केन्द्र सरकार की नौकरी से हाल ही में रिटायर हुआ था. ये शख्स एसडीओ के पद पर नौकरी कर रहा था. पूरी नौकरी में इस शख्स ने कभी अपनी नक्सल पहचान जाहिर नहीं होने दी है. इस शख्स का नाम एन मूर्ति उर्फ वेंकट है. इस शख्स ने देश के लगभग आधा दर्जन राज्यों में अपना अर्बन नेटवर्क फैलाकर रखा था. जिन राज्यों में इसके नेटवर्क थे उनमें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं.
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में एन मूर्ति ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस को दी हैं. इससे पता चलता है कि इस शख्स के तार रायपुर से लेकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे तक फैले थे. दुर्ग रेंज के आईजी जीपी सिंह के मुताबिक आरोपी एन मूर्ति को कई महत्वपूर्ण सबूतों के साथ हिरासत में लिया गया है. आईजी जीपी सिंह ने बताया कि अर्बन नेटवर्क की अहम कड़ी को पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है.
पुलिस के मुताबिक आरोपी एक बड़ा नक्सल कैडर का है और नक्सल संगठन में शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों में गिना जाता है. आरोपी एन मूर्ति भारत सरकार के नेशनल जियोफिजिकल विभाग का अनुविभागीय अधिकारी है और वह 1980 से नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क को मजबूत बनाने में काफी अहम भूमिका अदा कर रहा है.
पुलिस ने इस शख्स को बाघनदी क्षेत्र से जिले में दाखिल होने के दौरान गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है एन वेंकट मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है, जो सालों से घूम-घूम कर नक्सलियों के तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश नक्सलियों के कैडर को मजबूत करने का काम किया करता था. राजनांदगांव जिले के अंदरूनी इलाकों में भी उसकी सांगठनिक गतिविधियों में भागीदारी रही है.
आरोपी नक्सली वेकेंट ने 2016 में शीर्ष नक्सल कैडर दीपक तिलतुमड़े और देवजी के साथ छुईखदान के कौरवा के जंगल में लंबी बैठक की थी. इसके बाद 2017 में भी उसने पगारझोला में तीन दिनों तक रहकर नक्सल संगठन पर मीटिंग ली थी. लंबे समय से उसकी आवाजाही पर पुलिस नजर रखे हुए थी. बताया जाता है कि भारत सरकार के कर्मचारी रहते हुए भी आरोपी वेंकट ने नक्सलियों के साथ मिलकर कई अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया था.