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छत्तीसगढ़: नाकाम रहा पुलिस कर्मियों के परिजनों का महाधरना

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पुलिस की सर्तकता की वजह से नहीं जुटी भीड़
पुलिस की सर्तकता की वजह से नहीं जुटी भीड़

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायुपर में पुलिस कर्मियों के परिजनों का एक दिवसीय महाधरना सांकेतिक बन कर रह गया. सरकार और पुलिस मुख्‍यालय की सतर्कता की वजह से इस धरना में बेहद कम प्रदर्शनकारी ही पहुंच सके.

हालांकि उन्हें समर्थन देने वाले संगठनों की भीड़ धरना स्थल पर मौजूद रही. बताते चलें कि रायुपर में यह 'महाधरना' पुलिस कर्मियों के वेतन भत्ते और सुविधाओं की मांग को लेकर था.

सुबह से थी तैयारी

महाधरने के मद्देनजर सरकार और पुलिस मुख्‍यालय की ओर से पहले से ही सतर्कता बरती जा रही थी. यही वजह है कि सोमवार सुबह से रायपुर में चप्पे- चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे.

वहीं शहर के बाहरी इलाकों में भी भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. इसका नतीजा ये हुआ कि अलग-अलग इलाकों से आंदोलन में शामिल होने के लिए आए लोग शहर में प्रवेश नहीं कर सके और प्रदर्शन स्थल में गिने चुने पुलिस कर्मियों के परिजन ही पहुंच पाए.

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की गई थी कार्रवाई

महाधरना को विफल बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने पुलिस कर्मियों से हलफनामा भरवाया था. इस हलफनामे में कहा गया था कि उनके परिजन महाधरना में शामिल नहीं होंगे, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं, पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा रिटायर्ड पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की थी.

उनके खिलाफ देशद्रोह की धाराओं के तहत केस भी दर्ज किया गया है. रिटायर्ड पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि वे पुलिस कर्मियों के आंदोलन को हवा दे रहे हैं. वहीं आधा दर्जन जिलों में 9 पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी की गई है. इन पर पुलिस संगठन के खिलाफ बगावत करने के आरोप लगाए गए हैं.

 

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