छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए हमले को 100 से ज्यादा नक्सलियों ने अंजाम दिया है. नक्सलियों ने अपनी रणनीति को अंजाम देने के लिए किस्तराम और पलोदी के बीच सड़क को टारगेट बनाया था. इस काम में 100 से ज्यादा नक्सली लगे थे.
इस हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने कहा है कि सुकमा हमले में मारे गए शहीदों के परिजनों के दुख में पूरा देश शामिल है.
India salutes the brave @crpfindia personnel who were martyred in the attack in Sukma, Chhattisgarh.
My thoughts are with the families and friends of the brave martyrs. The nation stands shoulder to shoulder with them in this hour of grief.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2018
इस हमले के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना के बाद अपने निवास में एक आपात बैठक बुलाई. इस बैठक में बस्तर की ताजा स्थिति का जायजा लिया गया. बैठक में एंटी नक्सल ऑपरेशन के DGP डी.एम. अवस्थी ने प्रजेंटेशन दिया. उन्होंने बताया कि फ़ोर्स काफी तेजी से जंगल के उस हिस्से की ओर बढ़ रही है, जहां इससे पहले कोई दाखिल नहीं हुआ. प्रजेंटेशन देखने के बाद इन इलाकों में एंटी नक्सल ऑपरेशन और तेज करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए.
सीएम रमन सिंह ने कहा कि सुकमा के विकसित होने से नक्सली घबरा गए हैं. उन्हें भरोसा हो चला है कि अब वे यहां ज्यादा दिन नहीं टिकने वाले हैं, इसलिए वे सुरक्षा बलों पर हमले कर अपना दमखम दिखाना चाह रहे हैं. उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की. सुकमा के शहीदों को बुधवार की सुबह रायपुर लाया जाएगा. यहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी. शहीदों के शवों को जल्द उनके घरों तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर और विशेष विमान की व्यवस्था की गयी है. रायपुर में गार्ड ऑफ़ ऑनर में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होने वाले हैं. इसके अलावा रमन सिंह और उनका पूरा मंत्रीमंडल और आला अफसर शामिल रहेंगे. हालांकि अभी राजनाथ सिंह का प्रोटोकॉल अधिकृत रूप से जारी नहीं हुआ है.
आपको बता दें कि हमले का शिकार बने सुरक्षा बल के जवानों का काफिला किस्तराम से पलोदी जा रहा था, जोकि रोड पर पूर्व दिशा की ओर चल रहा था, हालांकि नक्सलियों को इसकी उम्मीद नहीं थी.
हमले में 1 एएसआई समेत 8 कांस्टेबल शहीद
एएसआई आर.के.एस तोमर, हेड कांस्टेबल लक्ष्मण, कांस्टेबल अजय कुमार यादव, कांस्टेबल मनोरंजन लकड़ा , कांस्टेबल जितेंद्र सिंह , कांस्टेबल शोभित शर्मा , कांस्टेबल मनोज सिंह, कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह, कांस्टेबल चंद्र एच एस इस हमले में शहीद हो गए.
बीजापुर के जंगलों में हुई थी नक्सलियों की बड़ी मीटिंग
नक्सलियों ने इस हमले को अंजाम देने के लिए बीजापुर के जंगलों में एक बड़ी मीटिंग की थी और इस मीटिंग में नक्सली कमांडर हिडमा और पुलारी प्रसाद के साथ 200 नक्सली शामिल हुए थे.
यूनिफॉर्म में थे हमलावर नक्सली
हमले को अंजाम देने वाले सभी नक्सली यूनिफॉर्म में थे. सुरक्षा बलों ने पहले समझा कि ये सभी सीआरपीएफ की अन्य बटालियन के ही साथी हैं, लेकिन बाद में उन्हें पता लगा कि ये सब नक्सली हैं, इनमें से कुछ काले रंगे की डांगरी पहने हुए थे.
हमले को देखते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की पार्टी पर यूबीजीएल (अंडरबैरल ग्रेनेड लॉन्चर) से फायर किया, लेकिन इनमें से तीन यूबीजीएल में विस्फोट ही नहीं हुआ. अगर इसमें विस्फोट हो जाता, तो इलाके में सुरक्षा बलों को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मिल जाती.
बहरहाल कोबरा पार्टी ने शानदार बहादुरी दिखाते हुए नक्सलियों को 300 मीटर तक दौड़ाया और फायर किया. सुरक्षा बलों ने नक्सलियों से पिट्ठू, पेट्रोल बम और टिफिन बरामद किए. बाद में सुरक्षा बलों ने चाइनीज रेडियो पर सुना कि नक्सलियों का एक साथी इस हमले में मारा गया है, जबकि 5 घायल हुए हैं. सुरक्षा बल के बाकी जवान पलोदी कैंप में सुरक्षित हैं.
और बड़े हमले कर सकते हैं नक्सली
आजतक के पास मौजूद खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी और मार्च के महीने में नक्सली सुरक्षा बलों पर बड़े हमले कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक नक्सली TCOC यानि टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन के दौरान कर हमले सकते हैं.
पिछले साल भी सुकमा इलाके में ही सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ था. इसमें करीब 25 जवान शहीद हुए थे. ये हमला 24 अप्रैल, 2017 को सुबह के समय ही किया गया था.