छत्तीसगढ़ में बिलासपुर रेल मंडल से चलने वाली तमाम यात्री ट्रेनें अपने निर्धारित समय से एक से तीन घंटे तक लेट से चल रही हैं. ट्रेनों का ये हाल तब है जब राज्य में ना तो बारिश हो रही है, और ना ही भारी गर्मी है और ना ही ठंड की वजह से कोहरा है.
ऐसे में यात्रियों की समझ से परे है कि आखिर क्यों पूरा बिलासपुर रेल मंडल सुस्त पड़ गया है. हाल ही में रेल मंत्री से लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने सभी जोन महाप्रबंधकों की बैठक लेकर ट्रेनों की समय पर आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे.
इस बैठक के बाद दो-तीन दिन ही यात्रियों को मामूली राहत मिल पाई. लेकिन स्थिति फिर जस की तस हो गई है. बिलासपुर रेल मंडल की प्रमुख ट्रेनों में बिलासपुर-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, शिवनाथ एक्सप्रेस, इंटरसिटी समेत दो दर्जन प्रमुख यात्री गाड़ियां हैं जो अपने निर्धारित समय से दो से तीन घंटे की देरी से चल रही हैं.
यही हाल कम दूरी वाली लोकल ट्रेनों का है. वे भी बीस मिनट से लेकर सवा घंटे तक विलंब से चल रही हैं. रोजाना यात्री अपने गंतव्य के लिए निर्धारित समय पर रेलवे स्टेशन पर पहुंच रहे हैं. लेकिन उन्हें अपना अधिकांश कीमती समय व्यर्थ में बिताना पड़ रहा है.
इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उन यात्रियों का हो रहा है जो कनेक्टिंग जर्नी कर रहे हैं. एक ट्रेन लेट हो जाने से दूसरी ट्रेन पकड़ने के लिए उन्हें जमकर पापड़ बेलने पड़ रहे हैं. बिलासपुर रेल मंडल के महाप्रबंधक से ट्रेनों की लेटलतीफी का कारण जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनके दफ्तर से साहब बिजी हैं का फरमान सुना दिया गया.
ट्रेनों की लेटलतीफी का कोई स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है. छत्तीसगढ़ में बिलासपुर रेल मंडल से देश के लगभग हर राज्यों के लिए ट्रेन गुजरती हैं. ऐसे में यहां चौबीसों घंटे यात्रियों का भारी दबाव रहता है.