छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को आरक्षण बढ़ाने को लेकर भूपेश बघेल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सरकार ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के साल 2012 के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 20 फीसदी से बढ़ाकर 32 फीसदी के फैसले को रद्द कर दिया था.
छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सेवा भर्ती में आरक्षण को कानून में संशोधन के जरिए 20 फीसदी से बढ़ाकर 32 फीसदी किया था. इन नियमों को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने समाप्त कर दिया था. जिसके बाद आदिवासी समाज प्रदेश में आरक्षण को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहा था.
पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ेगी सरकार: बघेल
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण हितों के लिए प्रतिबद्ध है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त किए जाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. आदिवासियों की ये लड़ाई सरकार पूरी तल्लीनता, तन्मयता और ईमानदारी से लड़ेगी.

दिल्ली दौरे पर आए थे सीएम भूपेश
इससे पहले दिल्ली दौरे पर आए सीएम बघेल ने नई दिल्ली स्थित किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट में आयोजित टूरिज्म कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति और लोक कला पर केंद्रित स्टॉलों का निरीक्षण किया था. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से आयोजित 'राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. सीएम ने कहा कि हमने नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल के रूप में एक महत्वपूर्ण परंपरा प्रदेश में शुरू की है. हमारा प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश और पूरी दुनिया के जन-जातीय समुदायों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.