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भूपेश बघेल किसानों, पशुपालकों, गोधन समितियों को ऑनलाइन जारी करेंगे 1750 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अगस्त को प्रदेश के किसानों, पशुपालकों, गोधन समितियों एवं समूहों को 1750 करोड़ रुपये ऑनलाइन जारी करेंगे. गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को 5 करोड़ 24 लाख का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 12,920 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. सभी के बैंक खाते में राशि ऑनलाइन जारी किये जाएंगे.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1750 करोड़ रुपये ऑनलाइन जारी होंगे
  • लाभार्थियों को 330 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अगस्त को प्रदेश के किसानों, पशुपालकों, गोधन समितियों एवं समूहों को 1750 करोड़ रुपये ऑनलाइन जारी करेंगे. गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को 5 करोड़ 24 लाख का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 12,920 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

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गोधन न्याय योजना के तहत अब तक लाभार्थियों को 330 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. सभी के बैंक खाते में राशि ऑनलाइन जारी किये जाएंगे. यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत दी जाएगी. मुख्यमंत्री आवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य के जनप्रतिनिधियों, किसानों, गौ-पालकों और समूहों की महिलाओं से वर्चुअली चर्चा करेंगे.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के 26 लाख 21 हजार किसानों को इस साल की इनपुट सब्सिडी की दूसरी किस्त 20 अगस्त को उनके बैंक खातों में 1745 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की जाएगी. इससे पहले 21 मई 2022 को राज्य के किसानों को इस योजना की पहली किश्त के रूप में 1745 रुपये का भुगतान किया गया था. राजीव गांधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ को खरीफ वर्ष 2019 से लागू किया गया है.

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इस योजना के तहत अब तक किसानों को 12 हजार 920 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है. 20 अगस्त को दूसरी किस्त के भुगतान के बाद यह राशि बढ़कर 14 हजार 665 करोड़ हो जाएगी. 

उल्लेखनीय है कि खरीफ वर्ष 2019 में 18.43 लाख किसानों को 4 किश्तों में 5627 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी गई है, खरीफ वर्ष 2020 में 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी गई है. राज्य में फसल उत्पादकता और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और खेती की लागत को कम करने के उद्देश्य से किसानों को यह राशि दी जा रही है.
 

 

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