छत्तीसगढ़ में एड्स की रोकथाम के लिए कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों को कंडोम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही मजदूरों को एड्स से बचाव और नियंत्रण की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है.
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के निजी उद्योगों से कहा है कि एड्स की रोकथाम के लिए वह अपने कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों को कंडोम उपलब्ध कराएं. छत्तीसगढ़ के कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को एड्स से बचाव और नियंत्रण की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक दिन की वर्कशॉप का आयोजन किया था. इस वर्कशॉप में आए निजी उद्योगों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वह एक निश्चित संख्या में कंडोम खरीदें और उनके उद्योग में आने वाले ट्रक चालकों, परिचालकों, खलासियों तथा उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को उपलब्ध कराएं.
इस वर्कशॉप में यह भी कहा गया कि कंपनी के आस-पास चाय के ठेलों, ढाबों, पान की दुकानों में भी निशुल्क कंडोम बांटे जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की एड्स नियंत्रण समिति में रक्तदान वैन तथा एच.आई.वी. की जांच करने वाली मोबाइल वैन को एक निश्चित तिथि पर बुलाकर एच.आई.वी. की जांच कराना चाहिए और परामर्श लेना चाहिए ताकि कम्पनी के लोगों को जांच सुविधा निशुल्क प्राप्त हो सके.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि एड्स की रोकथाम के लिए व्यापक उपाय शासन स्तर से किए जा रहे हैं. जनता को भी इसके रोकथाम व बचाव के क्षेत्र में आगे आने की आवश्यकता है. निजी उद्योग में काम करने वाले श्रमिक का यदि स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो इसका फायदा कम्पनी व उसके परिवार को होगा. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि भारत में वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार 21 लाख लोग एच.आई.वी. से संक्रमित हैं. यह प्रसार हाई रिस्क ग्रुप से लेकर आम लोगों को प्रभावित कर रहा है. 57 फीसदी ग्रामीण एच.आई.वी. से संक्रमित हैं, जिनमें से करीब 90 प्रतिशत लोग 15 से 49 वर्ष तक के हैं.