तीन साल पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के 76 जवानों को मारने के आरोपी सबूतों के अभाव में रिहा हो गए हैं. कोर्ट ने मंगलवार को सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया.
इस फैसले से शहीदों के परिवार मायूस हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि शहीदों की कुर्बानी ऐसे व्यर्थ क्यों चली गई. छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ने इस मामले में सारा ठीकरा पुलिस के माथे फोड़ा है.
गृहमंत्री के मुताबिक पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने से पहले उनसे मशविरा नहीं किया था. गौरतलब है कि 6 अप्रैल 2010 को अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे.