छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 6 बड़े शहरों में दिसम्बर और जनवरी माह में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पटाखे जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पर्यावरण विभाग ने राज्य के छह प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ और कोरबा में दिसम्बर और जनवरी माह में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध प्रतिवर्ष एक दिसम्बर से 31 जनवरी तक होगा.
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ वायु प्रदूषण अधिनियम 1981 के अन्तर्गत वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित है. इसी के तहत पर्यावरण विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने 27 नवम्बर को 6 जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कान्फ्रेसिंग में ठण्ड में वायु प्रदूषण को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाए रखने का निर्देश दिया था.
सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में यह स्पष्ट किया था कि प्रदूषण पर राज्य शासन की जीरो टॉलरेंस की नीति है. इसलिए प्रदूषण को कम करने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत है.
अधिकारियों ने बताया कि पर्यावरण विभाग द्वारा आज लिया गया यह निर्णय उसी कड़ी का हिस्सा है. मुख्यमंत्री रमन सिंह और आवास एवं पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत के निर्देशों के अनुरूप प्रदूषण रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है, जिसके फलस्वरूप वायु प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है.
पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से किए जा रहे लगातार प्रयासों के फलस्वरूप रायपुर शहर के प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार हुआ है और वायु की गुणवत्ता बेहतर हुई है.
उन्होंने बताया कि रायपुर के सभी रोलिंग मिलों में 'कन्टीन्यूस ऑनलाइन स्टेक मानीटरिंग सिस्टम' लगाया गया है. इसके साथ ही सभी प्रमुख उद्योगों में भी ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं.
पूरे रायपुर को ग्रिड में बांटकर मॉनीटरिंग की जा रही है, जिसके फलस्वरूप रायपुर का प्रदूषण का स्तर 'गुड' की श्रेणी में आ गया है. दीपावली पर भी प्रदूषण के स्तर में 22 प्रतिशत की कमी आई थी.