छत्तीसगढ़ के बस्तर में एंटी ग्रेनेड लांचर दगा दे रहा है. एक ओर मुठभेड़ के दौरान ग्रेनेड लांचर से दागे गए गोले नहीं फट पा रहे है. तो दूसरी ओर ग्रेनेड लांचर की सफाई के दौरान ही गोला फट जाने से CRPF के तीन जवान बुरी तरह से जख्मी हो गए. उन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया गया है. घटना बस्तर के अरनपुर सीआरपीएफ कैम्प की है.
जानकारी के मुताबिक, अरनपुर कैम्प में CRPF 111वीं बटालियन की डेल्टा कंपनी में जवान हथियारों की सफाई कर रहे थे. इसी दौरान ग्रेनेड लांचर से फायर हो गया. ग्रेनेड फटने की वजह से मौके पर मौजूद 3 जवान घायल हो गए. इसमें से एक की हालत गंभीर है. घटना में घायल जवानों में एस. सोरनापालन, एम. ज्ञान शेखरन और राम सिंह शामिल हैं. तीनों घायल जवानों को इलाज के लिए दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल जवानों में से 1 जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसे इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया है.
एक दिन पहले मंगलवार को भी इसी तरह का मामला सामने आया था. तब सुकमा के किस्टाराम इलाके में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में CRPF के 9 जवान शहीद हो गए थे. ये सभी जवान एंटी लैंडमाइन व्हीकल में सवार थे. यह व्हीकल बारूदी सुरंगों की चपेट में आ गयी. इसके बाद नक्सलियों से लोहा ले रहे CRPF के जवानों ने ग्रेनेड लांचर से लगातार गोले दागे, लेकिन ये ग्रेनेड फटे ही नहीं. मुठभेड़ में शामिल एक घायल जवान ने नाम और पहचान न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि ग्रेनेड लांचर धोखा दे रहा है. वरना मंगलवार को हुई मुठभेड़ का अंजाम कुछ और ही होता. ग्रेनेड लांचर साथ देते तो नक्सलियों को जान माल का नुकसान होता.
फिलहाल ग्रेनेड लांचर को लेकर जवानों की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. राज्य के डीजीपी डीएम. अवस्थी के मुताबिक ग्रेनेड लांचर के इस्तेमाल को लेकर अभी उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि जवानों ने किन परिस्थितियों में और कैसे ग्रेनेड लांचर का इस्तेमाल किया इसे देखना होगा.