छत्तीसगढ़ की बेटी अंकिता गुप्ता ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. आजादी के अमृत महोत्वस के मौके पर अंकिता ने यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिया गया तिरंगा फहराया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूरोप जाने से पहले बीते 3 अगस्त को युवा पर्वतारोही अंकिता को अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया था. मुख्यमंत्री बघेल और मंत्री मोहम्मद अकबर ने अंकिता गुप्ता को इस सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं दी है.
छत्तीसगढ़ की बिटिया के जज्बे को सलाम
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 17, 2022
- @KabirdhamDist की सुश्री अंकिता गुप्ता ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा।
- मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने सुश्री अंकिता की इस सफलता पर उन्हें दी बधाई। #CGModel #HamarTiranga #chhattisgarh #NYAY pic.twitter.com/Kftgdgq7zj
अंकिता गुप्ता मूल रूप से कवर्धा की रहने वाली है और वर्तमान में वह कबीरधाम जिले में पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर तैनात है. छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा अंकिता को यूरोप में पर्वतारोहण में शामिल होने के लिए पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है.
यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस (पश्चिम) की ऊंचाई 5642 मीटर यानी 18,510 फीट है, यहां का तापमान माइनस 25 से माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जबकि हवा की गति 45 से 50 किलोमीटर तक रहती है.
इन विषम परिस्थितियों में भी 15 अगस्त की सुबह 5 बजकर 43 मिनट में तिरंगा लहराकर अंकिता ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को और यादगार बना दिया.
चोटी पर पहुंचकर अंकिता ने राज्य सरकार के न्याय और सशक्तिकरण के छत्तीसगढ़ मॉडल को प्रदर्शित किया. इसके बाद उन्होंने दूसरे ही दिन 16 अगस्त को यूरोप महाद्वीप में स्थित 5621 मीटर ऊंचे माउंट एलब्रुस (पूर्व) पर्वत पर सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
अंकिता गुप्ता ने कहा कि यह सफलता मेरे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शहीदों को समर्पित है. उन्होंने आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के प्रेम और आशीर्वाद से ये सब संभव हुआ है.
उन्होंने बताया कि बीते जनवरी महीने में माइनस 39 डिग्री सेल्सियस पर लेह लद्दाख के यूटी कांगड़ी की 6080 मीटर ऊंची चोटी फतेह की थी. उनका लक्ष्य अब सातों महाद्वीपों के चोटी पर तिरंगा फहराकर देश का मान सम्मान बढ़ाना है. (इनपुट - महेंद्र नामदेव)