छत्तीसगढ़ में देर से ही सही लेकिन भूपेश बघेल सरकार ने अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है. मुख्यमंत्री और उनके साथ 2 मंत्रियों से 17 दिसंबर को शपथ ली थी, जबकि शेष 9 मंत्रियों ने 25 दिसंबर को शपथ ग्रहण किया था. इसके बाद से लगातार विभागों के बंटवारे का इंतजार किया जा रहा था.
गुरुवार को लगभग 3 घंटे की माथापच्ची के बाद विभागों का बंटवारा किया गया. हालांकि वरिष्ठ मंत्री टी. एस. सिंहदेव को उस समय निराशा हाथ लगी जब वित्त विभाग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने झोली में डाल लिया. टीएस सिंह देव वित्त विभाग में काम करने की रूचि दिखा रहे थे. उन्होंने वित्त विभाग को लेकर सार्वजनिक रूप से भी अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम के सभी महत्वपूर्ण विभागों वित्त विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, ऊर्जा, खनिकर्म, जनसंपर्क, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी को अपने पास रखा है.
टीएस सिंहदेव को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी बीस सूत्रीय, वाणिज्यिक कर (जीसीटी) विभाग की जिम्मेदारी सौपीं गई है. वहीं, ताम्रध्वज साहू को लोक निर्माण विभाग, गृह, जेल, धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का जिम्मा दिया गया है.
रविंद्र चौबे को संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन एवं आयकर विभाग, मोहम्मद अकबर को परिवहन विभाग, आवास एवं पर्यावरण, वन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण विभाग, उमेश पटेल को उच्च शिक्षा एवं तकनिकी शिक्षा, कौशल विकास एवं जनशक्ति नियोजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी खेल एवं युवा कल्याण विभाग, जय सिंह अग्रवाल को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टांप विभाग, अनिल भेड़िया को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग, डॉ शिव डहरिया को नगरी प्रशासन एवं विकास एवं श्रम विभाग, गुरु रूद्र कुमार को लोक स्वास्थ्य, यांर्त्रिकी एवं ग्रामोद्योग विभाग, डॉ प्रेम साय सिंह को स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, सहकारिता विभाग कवासी लखमा को वाणिज्यकर (आबकारी), उद्योग विभाग दिया गया है.