छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही अपराधियों पर पुलिस ने नकेल कसनी शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में महादेव ऐप मामले में दुर्ग पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम और महादेव ऐप मामले में लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी दीपक सिंह उर्फ दीपक नेपाली को दुर्ग जिले के क्राइम ब्रांच और वैशाली नगर थाना की टीम ने मंगलवार की रात को घर से दबोच लिया.
उसके खिलाफ सुपेला, वैशाली नगर और छावनी सहित भिलाई-03 थाने में 13 अलग-अलग मामले दर्ज हैं. इन मामलों में दीपक की लंबे समय से पुलिस तलाश कर रही थी. वैशाली नगर पुलिस को पता चला कि आरोपी दीपक सिंह उर्फ दीपक नेपाली ने अपने घर पर कैमरा लगाया है और वो घर आने जाने वालों पर कैमरे से नजर रखता है.
थाना प्रभारी ममता शर्मा अली अपनी टीम के साथ सादी वर्दी में मंगलवार 26 दिसंबर की रात साढ़े 10 बजे आरोपी के घर कैंप-1 के 18 नंबर रोड स्थित मकान में पहुंचीं और दरवाजा खटखटया. दीपक नेपाली ने गेट पर लगे कैमरे से सादी वर्दी में अधिकारियों को देखा, तो उन्हें ईडी अधिकारी समझ घबरा गया और मकान की छत से भागने लगा.
भागने की फिराक में था, पुलिस ने छत पर धर दबोचा
गेट के बाहर खड़ी पुलिस को आरोपी की हरकतों को समझने में देर नहीं लगी. बाहर खड़ी पुलिस की टीम दरवाजा खुलवाकर सीधे मकान की छत पर पहुंची और भागने की कोशिश कर रहे दीपक नेपाली को दौड़कर धर दबोचा.
बताया जा रहा है कि आरोपी दीपक नेपाली लंबे समय से महादेव सट्टा को चलाने वाले सौरभ चंद्राकर के संपर्क में था. उसी के कहने पर दीपक छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा चलवा रहा था. जब सौरभ दुर्ग में रहता था, तब दीपक नेपाली उसके अवैध काम में साथ देता था.
जांच के विभिन्न चरणों में हैं उसके खिलाफ दर्ज केस- एसएसपी
दुर्ग पुलिस के एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने बताया कि दुर्ग पुलिस ने दीपक कुमार सिंह उर्फ दीपक नेपाली को गिरफ्तार किया है. उसको राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कलेक्टर दुर्ग ने प्रतिबंधित किया है. इसके आलावा उस पर पूरे जिले के कई थानों में केस दर्ज हैं. इनमें से कुछ विभिन्न स्टेज पर हैं, कुछ की विवेचना खत्म हो चुकी और ट्रायल पर हैं और कुछ प्रकरण विवेचना में भी हैं.
राजनीतिक संरक्षण का सबूत नहीं, मामले में जारी है जांच- पुलिस
यह आदमी काफी दिनों से फरार था. सूचना मिली थी कि शायद इंडिया छोड़कर भाग गया है, लेकिन हमारे मुखबिरों ने जब पुष्टि कर दी कि वह घर पर है, तो उसे दबोच लिया गया. यह लूटपाट की वारदातों, अपहरण और मारपीट की घटनाओं में शामिल रहा है.
हाल ही में बहुचर्चित महादेव ऐप के मामले में भी इसकी संलिप्तता का खुलासा हुआ था. उसके राजनीतिक संरक्षण का कोई पुख्ता सबूत हमारे पास नहीं है. मामले की विवेचना की जा रही है, अगर ऐसी कोई बात सामने आएगी, तो कानून तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.