scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़: सीएम रमन सिंह के OSD से ED ने की 6 घंटे पूछताछ

बताया जा रहा है कि पूर्व आईएएस अधिकारी बी.एल. अग्रवाल की पारिवारिक कंपनी प्राइम स्पॉट में संदीप अग्रवाल ने 34 लाख रुपयों का निवेश कुया था. आईएएस अधिकारी बी.एल. अग्रवाल छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ अफसर थे.

Advertisement
X
रमन सिंह के ओएसडी संदीप अग्रवाल
रमन सिंह के ओएसडी संदीप अग्रवाल

Advertisement

मुख्यमंत्री रमन सिंह के ओएसडी संदीप अग्रवाल से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने घंटों पूछताछ की है. इस वजह से रायपुर में राजनीति तेज हो गई है. जानकारी के मुताबिक मामला मनी लॉन्ड्रिंग में बर्खास्त एक आईएएस अफसर से जुड़ा हुआ है. संदीप अग्रवाल खुद भी 2005 बैच के छत्तीसगढ़ प्रशसनिक सेवा के अधिकारी हैं.

बताया जा रहा है कि पूर्व आईएएस अधिकारी बी.एल. अग्रवाल की पारिवारिक कंपनी प्राइम स्पॉट में संदीप अग्रवाल ने 34 लाख रुपयों का निवेश कुया था. आईएएस अधिकारी बी एल अग्रवाल छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ अफसर थे. साल भर पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीबीआई के हत्थे चढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें समय पूर्व रिटायर कर दिया था. मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में बी एल अग्रवाल करीब 6 माह तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में कैद थे. फिलहाल वो जमानत पर हैं. जबकि उनका चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील अग्रवाल अभी भी जेल में हैं.

Advertisement

बताया जाता है कि रायपुर स्थित ED कार्यालय में करीब छह घंटे तक मुख्यमंत्री के OSD संदीप अगराल से पूछताछ हुई. सहायक निर्देशक पी. भट्टाचार्य ने निवेश की गयी रकम और दूसरे मामलों को लेकर उनसे लम्बी पूछताछ की. मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी ने पूर्व आईएएस अधिकारी बी.एल. अग्रवाल की करोड़ों की संपत्ति अटैच की है. इसके अलावा उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील अग्रवाल की लगभग 20 लाख की संपत्ति भी अटैच की जा चुकी है.

ED की जांच में यह बात सामने आई है कि सी. ए. सुनील अग्रवाल ने रायपुर के यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इण्डिया में कुल 446 फर्जी खाते खोले थे और इसमें 39.67 करोड़ की ब्लैक मनी जमा कराई थी. ये सभी बेनामी खाते रायपुर से सटे खारोरा इलाके के स्थानीय ग्रामीणों के नाम और पते के आधार पर खोले गए थे.

बैंक अकाउंट में लाखों की रकम जमा होने की जानकारी न तो ग्रामीणों की थी और न ही उनके किसी परिजनों को. इसके अलावा आरोपी आईएएस अफसर के परिजनों की 13 ऐसी फर्जी कम्पनियां पाई गई जिन्होंने शेयर एप्लिकेशन मनी के तहत करोड़ों का कारोबार किया था. यह रकम भी ब्लैक मनी के तहत रोलिंग में थी. इस मामले में ईडी ने पूर्व आईएएस अधिकारी बी.एल. अग्रवाल की 36.09 करोड़ की संपत्ति जब्‍त की है.

Advertisement

ईडी से पूछताछ की पुष्टि करते हुए ओएसडी संदीप अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने नौकरी में आने से पहले शेयर ख़रीदे थे. बाद में उसे बेच भी दिया था. उनके मुताबिक वर्ष 2005 में यह शेयर ख़रीदे गए थे और बेचे गए थे. फिलहाल ईडी की रडार में ऐसे और भी अफसर है, जिनके करीबी और व्यापारिक ताल्लुकात पूर्व आईएएस अधिकारी बी.एल. अग्रवाल के साथ थे.

Advertisement
Advertisement