छत्तीसगढ़ में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील में अंडे का फंडा कुछ लोगों के गले नहीं उतर रहा. आस्था की वजह से उन्होंने अंडे का विरोध शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ में अंडे पर विवाद खड़ा हो गया है.
दरअसल, भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार कुपोषित बच्चों को हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए मिड-डे मील के मेन्यू में अंडे को शामिल करना चाहती है. लेकिन प्रदेश के कबीर पंथी समाज ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि इस फैसले के खिलाफ वो आंदोलन करेंगे.
कबीरपंथी समाज ने आंदोलन की चेतावनी देने के साथ ही राज्य के शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देकर अंडे को मिड डे मील की लिस्ट से तुरंत बाहर करने की मांग रखी है. दरअसल, विवाद इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री बघेल ने चार मंत्रियों की एक समिति बना दी. मंत्रियों ने कई घंटे तक कबीरपंथी समाज के लोगों से बात की. लेकिन मामला नहीं सुलझा. इस बीच बीजेपी भी इस विवाद में कूद पड़ी है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ के 46 फीसदी बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार हैं. कुछ लोग सरकार की ओर से अंडे को शामिल किए जाने का समर्थन कर रहे हैं. लेकिन एक खास समाज के विरोध ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है.