चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम ने ईवीएम को पूरी तरह से भरोसेमंद पाया है. टीम का मानना है कि न तो ईवीएम को हैक किया जा सकता है और न ही उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ की जा सकती है. छत्तीसगढ़ के भिलाई में दो दिनों तक ईवीएम का परिक्षण किया गया.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भिलाई की परिक्षण शाला में ईवीएम पर जांच की गई. इस दौरान चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम भी मौजूद रहे. एक्सपर्ट कमेटी के सामने ईवीएम बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रेसेंटेशन दिया. कई टेस्ट के बाद ईवीएम सुरक्षित पाई गई. जल्द ही ये रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी जाएगी.
चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम ने ईवीएम मैनुफैक्चरर कंपनी को इस संदर्भ में सभी जानकारी दी. इसके बाद शुरू ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का टेस्ट किया गया. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से सेटेलाइट ट्रैकर और मोबाइल फोन से ईवीएम हैक करने की कोशिश की गई. इतना ही नहीं तकनीकी विशेषज्ञों ने मैनुअल फंक्शन से भी ईवीएम टैंपर करने की कोशिश की. लेकिन किसी भी कोशिश का ईवीएम पर कोई असर नहीं हुआ.
ईवीएम बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रेसेंटेशन भी पेश किया. इस दौरान चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम ने कई तरह के सवाल किेए. राजनीतिक दलों के सवाल भी टेक्निकल टीम ने उठाए. कंपनी के प्रतिनिधियों ने हर सवाल का जवाब दिया और बाकायदा उसे प्रूव कर दिखाया.
बता दें कि हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने के बाद कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे. यूपी के नतीजे एकतरफा बीजेपी के पक्ष में आने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुखर होकर बीजेपी पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम की विेश्वसनीयता पर सवाल उठाए हुए थे. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस संदर्भ में मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात भी की थी.