छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने पूरे छत्तीसगढ़ में 14 ठिकानों पर यह एक्शन लिया है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले को लेकर की गई है. ईडी के सूत्रों का दावा है कि इस मामले की जांच के दौरान चैतन्य बघेल का नाम भी सामने आया है.
ईडी सूत्रों के मुताबिक भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े परिसर से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और डॉक्यूमेंट जब्त किए गए हैं. ईडी चैतन्य बघेल के ठिकानों की तलाशी और एक्शन इकट्ठा किए गए साक्ष्यों और कुछ बयानों के आधार पर ले रही है. दावे के मुताबिक 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले के मामले में चैतन्य भी एक की प्लेयर हैं.
ईडी के मुताबिक चैतन्य बघेल को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. आज ही पहले दौर की पूछताछ भी की जा सकती है. बता दें कि ईडी ने चैतन्य बघेल के ठिकानों सहित छत्तीसगढ़ में 14 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया. बता दें कि कथित शराब घोटाले को लेकर आरोप है कि इसमें 2019 और 2022 के बीच राज्य के खजाने से करीब 2,161 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई.
ईडी के मुताबिक जांच के दौरान एजेंसी को ऐसे सबूत मिले, जिनका संबंध चैतन्य बघेल से है. एजेंसी ने मौजूदा सबूतों को तलाशी का आधार बताया है. ईडी की जांच में सीनियर ब्यूरोक्रेट्स, राजनेताओं और आबकारी विभाग के अधिकारियों से जुड़े एक नेटवर्क का भी पता चला है.
पवन खेड़ा ने BJP पर साधा निशाना
भूपेश बघेल के बेटे के ठिकानों पर हुई रेड को लेकर कांग्रेस के सीनियर नेता पवन खेड़ा का बयान आया है. पवन खेड़ा ने कहा,'सुबह से भूपेश बघेल के यहां ED की रेड हो रही है. बीजेपी ने ईडी को विपक्ष के यहां भेजने की परंपरा बना राखी है. कोई नहीं जानता यह रेड किस केस में है.'
ध्यान भटकाने की कोशिश: खेड़ा
पवन खेड़ा ने आगे कहा,'कुछ दिनों पहले कोर्ट ने बघेल के खिलाफ सीबीआई का केस खारिज कर दिया था. आज संसद का सत्र शुरू हो रहा है, बीजेपी को ध्यान भटकाना है. भूपेश बघेल पंजाब में अपनी राजनीति गतिविधि शुरू कर रहे हैं. प्रभारी बने हैं, उनका ध्यान भटकाया जा रहा है. ED जिस तरह बीजेपी का अंग बन कर काम कर रही है, हम भी याद रखेंगे.'
क्या है ईडी का आरोप
ईडी के मुताबिक 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई. आरोप है कि CSMCL से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे. ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से 'बड़ा कमीशन' कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया.