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छत्तीसगढ़: वोटिंग से पहले कांकेर में बड़ा एनकाउंटर, नक्सलियों का टॉप कमांडर समेत 29 ढेर

देश में 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है. ऐसे में चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर में मुठभेड़ हुई है. पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है. इसमें तीन जवानों के घायल होने की खबर है. छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में मुठभेड़ जारी है, घायल जवानों को जंगल से निकालने के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजा गया है.

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छत्तीसगढ़ के कांकेर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ (फाइल फोटो)
छत्तीसगढ़ के कांकेर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ (फाइल फोटो)

देश में 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है. ऐसे में चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर में मुठभेड़ हुई है. पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में तीन जवानों के घायल होने की खबर है. छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में मुठभेड़ जारी है, घायल जवानों को जंगल से निकालने के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजा गया.

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इस मुठभेड़ में नक्सली कमांडर शंकर राव भी मारा गया. अब तक 29 शव बरामद किए जा चुके हैं, साथ ही बड़ी संख्या में ऑटोमेटिक राइफलें भी बरामद की गई हैं. जानकारी के मुताबिक 3 पुलिसकर्मी इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं. 

29 ढेर, ऑपरेशन अब भी जारी

SP कल्याण एलिसेला ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि टॉप नक्सली कमांडर शंकर राव भी मारा गया. शंकर राव 25 लाख का इनामी था. 7 AK47 राइफल के साथ 1 इंसास रायफल और 3LMG भी बरामद हुई.

नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी BSF टीम

पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर कहा, बीएसएफ और डीआरजी की टीमों द्वारा 16 अप्रैल को कांकेर के गांव बीनागुंडा में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था. तभी बीएसएफ ऑप्स पार्टी पर सीपीआई माओवादी कैडरों की गोलीबारी हुई और बीएसएफ सैनिकों ने उनके खिलाफ प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की. इसके अलावा 1 BSF कर्मी के पैर में गोली लगी और अब वह खतरे से बाहर है. वहीं 2 अन्य भी घायल हुए हैं. 

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यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और अब तक मारे गए 29 नक्सलियों के शव, 7 AK 47 राइफलें और 3 लाइट मशीन गन घटना स्थल से बरामद किए गए हैं.

सूबे के 14 जिलों में नक्सलियों का प्रभाव

छत्तीसगढ़ दूसरा सबसे नक्सली प्रभावित राज्य है. गृह मंत्रालय के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 14 जिले- बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनंदगांव, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली नक्सल प्रभावित हैं. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में पिछले काफी दिनों से कमी नहीं आ रही है. देखा जाए तो सूबे में हर साल औसतन साढ़े तीन सौ से ज्यादा नक्सली हमले होते हैं. इनमें हर साल औसतन 45 जवान शहीद हो जाते हैं.

एक साल में 300 से ज्यादा नक्सली हमले

पिछले साल मार्च में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों के आंकड़े पेश किए थे. इसके मुताबिक, 2022 में राज्य के अंदर 305 नक्सली हमले हुए थे. इससे पहले सरकार ने संसद में बताया था कि पिछले साल फरवरी 2023 तक (सिर्फ दो महीने में) छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में 7 जवान शहीद हो चुके थे.

आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से 2022 के बीच 10 साल में छत्तीसगढ़ में 3 हजार 447 नक्सली हमले हुए. इन हमलों में 418 जवान शहीद हुए, जबकि सुरक्षाबलों ने 663 नक्सलियों को मार गिराया.

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कांकेर में दूसरे चरण में होने हैं चुनाव 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांकेर लोकसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होंगे. हालांकि कांकेर बस्तर संभाग का हिस्सा है और बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रैल को पहले चरण में चुनाव होगा. लेकिन बस्तर लोकसभा क्षेत्र में कांकेर नहीं है. कांकेर एक अलग लोकसभा क्षेत्र है और वहां 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. 

छत्तीसगढ़ में रायपुर और जगदलपुर के बीच स्थित कांकेर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से छह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इन विधानसभा सीटों में गुंडरदेही, संजारी बालोद, सिहावा (एसटी), डोंडी लोहारा (एसटी), अंतागढ़ (एसटी), भानुप्रतापपुर (एसटी), कांकेर (एसटी) और केशकाल (एसटी) शामिल हैं. मूल रूप से बस्तर जिले का हिस्सा, कांकेर 1998 में एक अलग जिला बन गया. 

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