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छत्तीसगढ़: ठगों ने आईजी तक को नहीं छोड़ा, FB पर फर्जी आइडी बना लोगों से मांगे पैसे

जानकारी मिली है कि अभी तक किसी ने भी इन अपराधियों को पैसे नहीं दिए हैं. ऐसे में आईजी की फेक आईडी जरूर बनाई गई है, लेकिन अभी के लिए किसी भी तरह की लूट को अंजाम नहीं दिया गया है.

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FB पर फर्जी आइडी बना लोगों से मांगे पैसे (सांकेतिक फोटो)
FB पर फर्जी आइडी बना लोगों से मांगे पैसे (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ठगों ने आईजी तक को नहीं छोड़ा
  • FB पर फर्जी आइडी बना लोगों से मांगे पैसे

छत्तीसगढ़ से चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां पर अपराधियों की हिम्मत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि आईजी की फर्जी आइडी बना लोगों से पैसों की मांग की जा रही थी. बस्तर आईजी सुंदरराज की एक फेक फेसबकु प्रोफाइल बनाकर इस अपराध को अंजाम दिया जा रहा था. लंबे समय से लोगों को फेसबुक पर इस आइडी के जरिए पैसे देने की बात कही जा रही थी.

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ठगों ने आईजी तक को नहीं छोड़ा

जानकारी मिली है कि अभी तक किसी ने भी इन अपराधियों को पैसे नहीं दिए हैं. ऐसे में आईजी की फेक आईडी जरूर बनाई गई है, लेकिन अभी के लिए किसी भी तरह की लूट को अंजाम नहीं दिया गया है. इस पूरे प्रकरण के बारे में बस्तर आईजी सुंदरराज ने आजतक से खास बातचीत की है. उन्होंने बताया है कि तीन दिन पहले ही उन्हें पता चला कि उनके नाम से फर्जी आईडी बनी है. उसके बाद साइबर सेल के माध्यम से फर्जी आईडी को ब्लॉक कराया गया और उक्त संदिग्धों की तलाश में टीम लगाई गई है. मामले को लेकर बस्तर एसपी दीपक कुमार झा ने बताया कि पूर्व में लगातार फेसबुक प्रोफाइल बनाकर ठगी करने के मामलों की शिकायत आ रही थीं. इसे लेकर बस्तर पुलिस की एक टीम को झारखंड और राजस्थान भेजा जा रहा है. उम्मीद जताई गई है कि जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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FB पर फर्जी आइडी बना लोगों से मांगे पैसे

आईजी सुंदरराज की बात करें तो बस्तर से उनका गहरा नाता रहा है. वे यहां 12 साल से कार्यरत हैं. सुंदरराज एसपी के तौर पर वर्ष 2009 में आए थे और पुलिस विभाग में कुशल नेतृत्व के चलते उन्हें बस्तर में ही ऑप्स डीआईजी,प्रभारी आईजी और फिर आईजी के पद पर छत्तीसगढ शासन ने पदस्त किया गया था. अब वे अपने काम में तो सक्रिय रहते ही थे, इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव दिखते. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने भी आईजी की इसी सक्रियता का फायदा उठाया है.

पहले लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई और जब उसे स्वीकार कर लिया गया, तब मैसेंजर के जरिए पैसों की मांग होने लगी. अभी के लिए उस फेक अकाउंट को बंद करवा दिया गया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है.

धर्मेंद्र महापात्र की खबर

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