सूरज की गर्मी से तपते हुए तन को मिल जाए जब तरुवर की छाया...शर्मा बन्धुओं का यह भजन आमतौर पर मंदिरो में अक्सर सुना जाता है. हालांकि घरों में भी इस भजन को सुन कर लोग शांति का अनुभव करते हैं. लेकिन यह भजन छत्तीसगढ़ में कूलिंग सॉन्ग के रूप में तब्दील हो गया है.
दरअसल राज्य में पारे ने पिछले आठ साल का रेकॉर्ड तोड़ अप्रैल के तीसरे हफ्ते में ही 45 डिग्री का आकड़ा छू लिया है. राज्य के ज्यादातर हिस्सों में रात का न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसे में रायपुर में गर्मी से दो-चार हो रहे लोग इस भजन को गुनगुना कर राहत की सांस ले रहे हैं. उनकी मानें तो यह कूलिंग सॉन्ग है, जो गर्मी में बड़ी राहत देता है. गर्मी से राहत पाने के लिए शहर के तालाबों के किनारे सैकड़ों लोग इकठ्ठा होते हैं और यह कूलिंग सॉन्ग हर किसी की जुबान पर होता है.
भीषण गर्मी में 45 डिग्री टेम्परेचर के बीच रायपुर के लोग इस भजन को ना गाएं तो और क्या गाएं. गर्मी के मारे न तो लोगों को दिन में चैन मिल रहा है और न ही रात में सुकून. लिहाजा रायपुर के मरीन ड्राइव तालाब पर गर्मी पीड़ित लोगों का रोजाना तांता लगा हुआ है. तालाब के किनारे आने वाली हवा इन्हें बड़ी ठंडक दे रही है. हर उम्र के लोग यहां जुटते हैं. उनकी मानें तो भारी गर्मी से होने वाली बेचैनी यहां शांत होती है. तालाब किनारे पहुंचते ही लोग यह भजन गुनगुनाना शुरू कर देते हैं. गर्मी से दो-चार हो रहे लोगो की मानें तो इस भजन को गुनगुनाने के बाद उन्हें बड़ी ठंडक महसूस होती है.
छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में शुमार है जहां तेजी से गर्मी की मार पड़ी है. रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है. लोगों को न तो घर में सुकून मिल पा रहा है और न ही बाहर. कामकाजी लोगों का घर से बाहर निकलना बेहद जरूरी है, लेकिन घरों से बाहर निकलना उन पर भारी पड़ रहा है, क्योंकि आसमान से शोले बरस रहे हैं. रात का तापमान 30 डिग्री में आ कर स्थिर हो गया है. शहर में दिन भर गुलजार रहने वाली सड़कें देर शाम तक सुनसान नजर आती हैं.