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नदी में फेंकने पर भी नहीं डूबा 'राम' लिखा पत्थर, लोगों ने शुरू की पूजा

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक पत्थर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. हसदेव नदी पर मिला 5 किलो वजनी ये पत्थर पानी पर तैरता है. इस पत्थर पर राम लिखा हुआ है. कई लोग इसे रामशिला से जोड़कर इसकी पूजा भी करने लगे हैं.

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डूबता नहीं है यह पत्थर
डूबता नहीं है यह पत्थर

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक पत्थर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. हसदेव नदी पर मिला 5 किलो वजनी ये पत्थर पानी पर तैरता है. इस पत्थर पर राम लिखा हुआ है. लोग इसे रामसेतु से जोड़कर देखने लगे हैं और अब इसकी पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई है.

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जानकारी के मुताबिक, हसदेव नदी के किनारे यह पत्थर एक बच्चे को रेत में डूबा मिला. बच्चे ने इस पत्थर को नदी में फेंका तो यह तैरने लगा. इसके बाद कुछ बच्चे इस पत्थर को लेकर शिव मंदिर के पास पहुंचे और इसे नहर में डाल दिया. वहां भी यह पत्थर तैरने लगा. लगभग 5 किलो वजनी इस पत्थर पर 'राम' लिखा हुआ था. पानी में पत्थर के तैरने की जानकारी मिलते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोग इसे नवरात्र में राम नाम की महिमा मानते हुए पूजा अर्चना में लग गए.

पत्थर के तैरने पर वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती पर कई तरह के तलहटी चट्टानें पाई जाती हैं. हजारों वर्षों के अंतराल में बनने वाले तलहटी चट्टानी पत्थरों पर ताप व दाब के साथ विभिन्न् तत्वों के मिश्रण का प्रभाव होता है. कई बार चट्टानी पत्थर के निर्माण में लकड़ी, मिट्टी व रेत का संयोजन होता है. जिस तत्व का घनत्व अधिक होता है, उसका उस चट्टानी पत्थर पर प्रभाव पड़ता है. इस तरह के पत्थरों में लकड़ी के तत्वों का अधिक घनत्व होता है. इस वजह से पत्थर पानी में डूबने की बजाय तैरने लगते हैं.

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