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छत्तीसगढ़: पूर्व IAS ओपी चौधरी खरसिया से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए रायपुर के कलेक्टर चौधरी ने इसी साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वह 2005 बैच के आईएसएस अधिकारी रहे हैं.

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पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)
पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)

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छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने शनिवार को अपने 77 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व आईएएस अधिकारी ओ पी चौधरी खरसिया से चुनाव लड़ेंगे.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाने के लिए रायपुर के कलेक्टर चौधरी ने इसी साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वह 2005 बैच के आईएसएस अधिकारी रहे हैं.

पहले से ही थे सक्रिय

जिस तरह से खरसिया विधानसभा सीट पर ओ पी चौधरी दिलचस्पी ले रहे थे उससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि वो कभी भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. सालभर पहले से ही उन्होंने इस विधानसभा सीट पर बेरोजगारों, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने का गुरु मंत्र देना शुरू किया था.

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कई जगह उन्होंने फ्री कोचिंग भी चलाई थी. इस तरह से उन्होंने नौजवानों को जोड़ने का काम शुरू किया. किसी को अंदाजा नहीं था कि वो इसके पीछे चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि महीनेभर पहले दिल्ली में उनकी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कराई गई थी. इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनकी जीत का भरोसा पार्टी अध्यक्ष को दिलाया था.

कांग्रेस के गढ़ में देंगे चुनौती

कहा जा रहा है कि बीजेपी को कांग्रेस के खरसिया जैसे अभेद गढ़ को चौधरी के बूते पर जीतने का पूरा विश्वास है. क्योंकि सीट पर नौकरी में रहते हुए चौधरी सामाजिक और अन्य कार्यक्रमों के जरिए वर्षों से काफी सक्रिय रहे हैं.

इस सीट पर दिवंगत नंदकुमार पटेल ने 1990 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वे 2013 तक विधायक तथा अविभाजित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के गठन के बाद भी कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहे. 2013 में बस्तर की झीरम घाटी में नक्सली हमले के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उनके बेटे उमेश पटेल को 2013 में कांग्रेस ने मैदान में उतारा जिन्होंने भारी मतों से जीत अर्जित की थी.

कांग्रेस से मौजूदा विधायक उमेश पटेल को टिकट मिलना तय माना जा रहा है, मगर बीजेपी से चौधरी के उतरने के बाद वे प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर होने के बाद भी क्षेत्र छोड़कर कहीं जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

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