छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बंगले के सामने एक लड़की ने सुसाइड करने की धमकी दी है. B.Sc फाइनल में पढ़ने वाली छात्रा के पिता पुलिस विभाग में हेड कॉन्स्टेबल थे. विभागीय जांच में साल 2012 में उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. मामला ड्यूटी में लापरवाही का था. लेकिन साल 2014 में उन्हें हाई कोर्ट ने दोषमुक्त करार दे दिया. पीड़ित परिवार को उम्मीद थी कि हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी. लेकिन पुलिस मुख्यालय ने उनकी नौकरी बहाल नहीं की.
छात्रा पिता की नौकरी बहाल करने की मांग पर अड़ी
उधर, आर्थिक तंगी के चलते छात्रा की पढ़ाई में दिक्कत होने लगी. इससे परेशान छात्रा ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिलने का प्रयास किया. लाख कोशिशों के बावजूद वो मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाई. आखिरकर उसने मुख्यमंत्री के बंगले के सामने ही अपनी जान देने का फैसला कर लिया. पीड़ित छात्रा ने बाकायदा इसकी सूचना मुख्यमंत्री निवास के पास तैनात पुलिसकर्मियों और सिविल लाइन थाने में दी. जिसके बाद मुख्यमंत्री के बंगले के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई. रायपुर के CSP संजय कुमार ध्रुव के मुताबिक पीड़ित छात्रा बालोद जिले की रहने वाली है और वहीं के सरकारी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है. पुलिस के मुताबिक छात्रा अपने पिता को नौकरी वापस दिलाने की मांग करने के लिए एक आवेदन लेकर आई थी. पीड़ित लड़की का नाम भावना बताया जा रहा है. भावना को समझाने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया है. इस दौरान यह छात्रा खुदकुशी करने की चेतावनी देने लगी.
एक युवक ने की थी सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश
हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर उसका आवेदन मुख्यमंत्री निवास में भेज दिया गया है. महीनेभर पहले एक विकलांग युवक किशोर साहू ने मुख्यमंत्री निवास के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी. मुख्यमंत्री निवास में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने इस युवक को बचाने की कोशिश की, बावजूद इसके वो 70 फीसदी तक जल गया था. पुलिसकर्मियों ने उसे अस्पताल में दाखिल कराया लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई. इस मामले ने तूल पकड़ा और राजनैतिक रंग ले लिया. प्रदेशभर में मुख्यमंत्री के खिलाफ धरना प्रदर्शन हुए. इस घटना के बाद से मुख्यमंत्री निवास में हर गुरुवार को होने वाला मुख्यमंत्री का जनदर्शन कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है.
सीएम के जनदर्शन कार्यक्रम फिलहाल स्थगित
महीने भर से जनदर्शन कार्यक्रम नहीं होने के चलते रोजाना सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लिए मुख्यमंत्री के बंगले के चक्कर काट रहे हैं, उन्हें निराशा हाथ लग रही क्योंकि उन्हें इस बात का भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है कि आखिर किस अधिकारी के मार्फत उनकी समस्या सुलझेगी. उधर, मुख्यमंत्री निवास के सामने जमा होने वालों को पुलिसकर्मी खदेड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके स्टाफ की ओर से अब तक यह सूचना जाहिर नहीं हुई है कि आखिर जनदर्शन कार्यक्रम कब शुरू शुरू होगा, ताकि लोग अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री से रूबरू करा सकेंगे. फिलहाल अपनी समस्याओं से दो चार हो रहे कई लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है और वो आत्महत्या जैसे प्रयासों की ओर बढ़ रहे हैं.