छत्तीसगढ़ में अब जल्द ही करीब तीन हजार सरकारी कर्मचारी शराब बेचने के लिए जुटेंगे. राज्य सरकार द्वारा शराब की बिक्री करने के फैसले के बाद अब प्रदेश की 712 शराब की दुकानों में बिक्री के लिए तैयारी शुरू की जा रही है. उधर कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध भी करना शुरू कर दिया है.
मंत्रालय से लेकर जिला स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों के आधा दर्जन संगठनों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि यदि कर्मियों से जोर जबरदस्ती शराब बिकवाई गई तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे. कर्मचारी संगठनों के रुख को देखते हुए आबकारी विभाग ने बेरोजगारों को इस काम में लगाने की रूपरेखा तैयार कर ली है.
शराब बेचने के लिए कर्मियों की होगी नियुक्ति
राज्य में पहली बार शराब बेचने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे पहले आबकारी एक्ट में संशोधन किया है. इसके बाद शराब बिक्री के लिए अलग से एक निगम बनाया गया है. इस निगम में राज्य के मुख्य सचिव
विवेक ढांड चेयरमेन, प्रमुख सचिव अमिताभ जैन डायरेक्टर व आबकारी आयुक्त अशोक अग्रवाल प्रबंध संचालक बनाए गए हैं. आबकारी आयुक्त के मुताबिक शराब बिक्री के लिए होने वाले बंदोबस्त में नियुक्ति हेतु
पहला सविंदा के जरिए भर्ती, दूसरा आबकारी विभाग में अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी अधिकारी लिए जाए, तीसरा विकल्प यह है कि आबकारी विभाग में सीधे कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए.
शराब बेचने वाले निगम का नाम छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड रखा गया है. इस कार्पोरेशन के संचालन के लिए उसका पंजीयन कंपनी एक्ट के प्रावधान के मुताबिक किया जा रहा है. बताया गया है कि निगम के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है. राज्य के आबकारी आयुक्त अशोक अग्रवाल का कहना है कि शराब कारोबार का पूरा संचालन निगम के माध्यम के किया जाएगा. इस बारे में सभी फैसले बोर्ड की बैठक में होंगे.