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राज्य के बॉर्डर पर नक्सलियों के ठिकाने नष्ट करेगी रमन सरकार

छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन को लेकर राज्य सरकार ने अपने इरादे साफ जाहिर कर दिए है. रायपुर में आयोजित यूनिफाइड कमांड की बैठक में राज्य के सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों की धरपकड़ और उन्हें काबू में लाने के लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जाएगा.

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रायपुर में उच्चा‍ध‍िकारियों की बैठक
रायपुर में उच्चा‍ध‍िकारियों की बैठक

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छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन को लेकर राज्य सरकार ने अपने इरादे साफ जाहिर कर दिए है. रायपुर में आयोजित यूनिफाइड कमांड की बैठक में राज्य के सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों की धरपकड़ और उन्हें काबू में लाने के लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जाएगा.

मददगारों को माना जाएगा राष्ट्र विरोधी
सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि नक्सलियों के मददगारों के खिलाफ अब सामान्य प्रकरणों के बजाय राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के तहत प्रकरण दर्ज किये जाएंगे. यही नहीं बस्तर में सड़कों का निर्माण कार्य भी बतौर ऑपरेशन चलाया जाएगा.

नक्सलियों के सभी ठिकाने नष्ट करने के निर्देश
यूनिफाइड कमांड की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के सरहदी इलाकों में बारिश के पहले सघन अभियान चलाकर नक्सलियों के सभी ठिकाने नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. रायपुर में आयोजित यूनिफाइड कमांड की बैठक में नक्सलियों के खिलाफ सीधी कार्यवाही को लेकर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों को हरी झंडी दे दी गई है. बारिश के पहले ही तमाम नक्सली ठिकानों को नष्ट करने के लिए खास रणनीति पर इस बैठक में विचार-विमर्श किया गया.

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इस बैठक में छत्तीसगढ़ पुलिस के अलावा CRPF,BSF,ITBP,CISF और RPF के आला अफसरों ने हिस्सा लिया. खास बात यह रही कि अब नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का निर्माण और रेल की पटरियां बिछाने का काम बतौर ऑपरेशन चलाया जाएगा.

अभी तक पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवान सिर्फ सड़क निर्माण के कार्य में जुटे थे, लेकिन अब इन इलाकों के विकास के लिए रेलवे का विस्तार भी होगा. इसकी जवाबदेही भी केंद्रीय सुरक्षाबलों के कंधे पर आ गई है. बैठक में नक्सलियों को सबक सिखाने के लिए कड़े फैसले लिए गए हैं. यही नहीं, नक्सलियों के मददगारों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएंगे. इसके लिए पुलिस को भी निर्देशित किया गया है.

इस बैठक में लिए गए सभी फैसलों को 8 मई को दिल्ली में आयोजित नक्सल प्रभावित राज्यों की उच्चस्तरीय बैठक में भी रखा जाएगा, ताकि नक्सल प्रभावित तमाम राज्य एक ही रणनीति के तहत माओवादियों पर दबाव बना सकें.

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