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नामी और बेनामी संपत्ति के मामले में फंसे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री

याचिका में कहा गया है कि चंद वर्षो में ही मंत्री अजय चंद्राकर और उनके परिजनों की संपत्ति अरबों में हो गई. बैंकों में खाते भी कहीं अजय चंद्राकर तो कहीं अजोय चंद्राकर के नाम से खोले गए. नोटबंदी के दौरान इन खातों में करोड़ों रुपए जमा हुए. इस बाबत याचिकाकर्ता ने बैंक प्रबंधन से भी पूछताछ और जांच की मांग की.

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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राज्य के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले की CBI से जांच कराने की मांग याचिकाकर्ता ने की है. याचिकाकर्ता कृष्णकुमार साहू और मनप्रीत बल ने दो हजार से ज्यादा पन्नों के ऐसे दस्तावेज अदालत को सौंपे हैं जिससे मंत्री जी की बेशकीमती नामी और बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है. इसके अलावा अनुपातहीन संपत्ति से जुड़े 16 ऐसे प्रकरण भी प्रस्तुत किए गए हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे.

याचिका में कहा गया है कि चंद वर्षो में ही मंत्री अजय चंद्राकर और उनके परिजनों की संपत्ति अरबों में हो गई. बैंकों में खाते भी कहीं अजय चंद्राकर तो कहीं अजोय चंद्राकर के नाम से खोले गए. नोटबंदी के दौरान इन खातों में करोड़ों रुपए जमा हुए. इस बाबत याचिकाकर्ता ने बैंक प्रबंधन से भी पूछताछ और जांच की मांग की.

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इसके साथ ही बहस के दौरान याचिकाकर्ता ने अपने वकील के जरिए एक और अनुपातहीन संपत्ति का मामला उठाया. दस्तावेज पेश करते हुए अदालत की संज्ञान में यह बात लाई गई कि मंत्री महोदय ने धमतरी शहर में एक तालाब खरीदा और उस पर आवासीय कॉलोनी भी बना दी.

यह तालाब मंत्री जी ने अपने भाई के नाम से खरीदा था. जबकि NGT के साफ निर्देश है कि पर्यावरण बचाने के लिए तालाबों का अस्तित्व बरकरार रखना होगा. फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त से प्रारंभ होगी. इस सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश नामी और बेनामी संपत्ति के ब्योरे पर मंत्री जी को अपना जवाब पेश करना होगा.

 

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