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छत्तीसगढ़ से पूरी तरह खत्म होगा नक्सलवाद? गृह मंत्री अमित शाह ने तय की डेडलाइन

इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों और केंद्रीय गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक और छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. गृह मंत्री ने माना कि जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है.

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अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में एक अहम बैठक की अध्यक्षता की
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में एक अहम बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय गृह मंत्री ने रविवार को छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. यह बैठक रायपुर में हुई और इसमें राज्य के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान बताया गया कि राज्य में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों और हिंसा में बड़ी कमी आई है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा स्थितियों में 75% की कमी आई है. इसके साथ ही अगले तीन वर्षों में के भीतर नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की है.

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इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों और केंद्रीय गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक और छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. गृह मंत्री ने माना कि जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है.

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार अगले तीन साल के भीतर नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम अब उत्तर पूर्व के लगभग 80% क्षेत्रों से हटा लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों और केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की, जिससे मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में नक्सलवाद की समस्या को कम करने में मदद मिली. उन्होंने अगले तीन वर्षों के भीतर नक्सलवाद गतिविधि को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया और राज्य पुलिस को व्यापक जांच सुनिश्चित करने, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करने और खुफिया नेतृत्व वाले अभियान जारी रखने का निर्देश दिया.

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उन्होंने मल्टी-एजेंसी सेंटर के माध्यम से साझा किए गए सभी इनपुट की समीक्षा के महत्व पर भी जोर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री ने इन पहलों से स्थानीय आबादी को लाभ सुनिश्चित करने के लिए नक्सलवाद प्रभावित जिलों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से संतृप्त करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.

उन्होंने नक्सलवाद से प्रभावित जिलों में फंड के आवंटन और उपयोग में लचीलापन दिखाने की गृह मंत्रालय की आवश्यकता बताई. उन्होंने अधिकारों के संबंध में सभी स्थानीय शिकायतों को सावधानीपूर्वक और विचारशील तरीके से निपटाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.

केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश के बाद केंद्रीय गृह सचिव ने अत्यधिक नक्सलवाद प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा की. इन प्रयासों के माध्यम से सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों में शांति बहाल करना और विकास को बढ़ावा देना है.

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