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मुख्यमंत्री से नीचे की पोस्ट पर कैसे मान गए? टीएस सिंहदेव ने दिया ये जवाब

छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद टी. एस. सिंहदेव गुरुवार को जैसे ही रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे तो समर्थकों ने जमकर उनके पक्ष में नारेबाजी की. सिंहदेव ने कहा कि अतीत में क्या हुआ मैं उस पर कुछ नहीं कहना चाहता हूं, मुझे आगे काम करना है.

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टीएस सिंहदेव मीडिया से बात करते हुए
टीएस सिंहदेव मीडिया से बात करते हुए

कांग्रेस आलाकमान ने टी. एस. सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया है. खुद को नई जिम्मेदारी देने पर सिंहदेव ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताया और कहा कि 'देर आए दुरुस्त आए.' सीएम की पोस्ट को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिंहदेव ने कहा कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री पद के रोटेशन पर "समझौते" की बात नहीं की थी. उन्होंने कहा कि ऐसा दावा और ऐसी चर्चा मीडिया द्वारा फैलाई गई थी.

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मुझे काम करना है- सिंहदेव

आज तक से बात करते हुए सिंहदेव ने कहा, 'अब मुझे देखना है आगे क्या करना है मेरे पास 4 महीने है,  मुझे काम करना है. मैं पीछे के समय पर ध्यान नही दूंगा. अब आगे काम करना है.' सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हमेशा हाईकमान के हाथ में होता है जो लीड करते है उन लोगों की पैरवी रहेगी. अभी सीटिंग सीएम है तो उन्हीं को ही मौका दिया जायेगा बाकी तो नाम चलते रहते हैं. सीएम का पद एक जवाबदारी है.'

गुरुवार सुबह नई दिल्ली से रायपुर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद सिंहदेव ने अपनी पदोन्नति की घोषणा के लिए पार्टी का आभार व्यक्त किया और कहा 'देर आए दुरुस्त आए.' दरअसल बुधवार को ही कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने खड़गे ने छत्तीसगढ़ में सिंह देव को उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

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समर्थकों ने किया गर्मजोशी से किया स्वागत

इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले उन्हें डिप्टी सीएम नियुक्त करने का निर्णय लिया गया. सिंहदेव ने कहा कि एक दिन के लिए भी दी गई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है. आज सुबह जैसे ही वह एयरपोर्ट पर पहुंचे तो समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया.  एयरपोर्ट पर उमड़ी समर्थकों की भीड़ ने 'टीएस बाबा जिंदाबाद' के नारे लगाए.

मीडिया से मिला समर्थन

उनके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच सत्ता-साझाकरण के ढाई साल के "समझौते" के बारे में पूछे जाने पर सिंह देव ने कहा, 'मैंने कभी भी किसी ढाई साल के समझौते पर चर्चा नहीं की. यह मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ था. हालाँकि, मुझे मीडिया से हमेशा सकारात्मक समर्थन मिला.'

कई महीनों से सीएम बघेल के साथ खींचतान में फंसे सिंह देव को डिप्टी सीएम नियुक्त करने का कांग्रेस का कदम राज्य इकाई में अंदरूनी कलह को रोकने की कोशिश माना जा रहा है. राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों में विपक्षी भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करने वाले बघेल ने एकजुट चेहरा पेश करने की कोशिश करते हुए सिंह देव की नियुक्ति की सराहना की है.

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सीएम पद साझा न करने पर हो गए थे नाराज
भूपेश बघेल और सिंहदेव के बीच 2021 में मतभेद तब खुलकर सामने आ गए थे, जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद सीएम पद साझा किया जाएगा. 15 साल के बाद दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हलकों में सीएम पद ढाई-ढाई साल के लिए साझा करने के फॉर्मूले की चर्चा थी. तब बघेल और उनके दो वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगी- सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू शीर्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार थे, लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद सिंह देव ने जुलाई 2022 में यह कहते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया कि उन्हें सरकार में दरकिनार कर दिया गया है. हालांकि वह अभी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समेत चार विभाग संभाल रहे हैं.

14 विधानसभा सीटों पर है दखल
अंबिकापुर के विधायक टीएस सिंहदेव कांग्रेस के प्रमुख नेता हैं. छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से सरगुजा में उनकी मजबूत पकड़ है. इतना ही नहीं सरगुजा शाही परिवार के वंशज सिंहदेव पार्टी में आलाकमान के भरोसेमंद भी हैं. सिंहदेव का 6 जिले से बने सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर सीधे असर माना जाता है. इस संभाग को छत्तीसगढ़ के सत्ता की चाबी भी कहा जाता है. यही वजह है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इन्हीं सीटों पर बड़े वोटों के अंतर से अपनी जीत दर्ज कराई थी, इसलिए सभी दलों की नजर सरगुजा संभाग पर रहती है.

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