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Kidnapping Case: कोर्ट में कथित नक्सलियों को नहीं पहचान सके IAS एलेक्स पॉल

साल 2012 में IAS एलेक्स पॉल के अपहरण से हड़कंप मच गया था. इस घटना के बाद मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत के बाद उनको रिहा कराया गया था. अपहरण के आरोप में जेल में सजा काट रहे कथित नक्सली को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान IAS पॉल ने उसको पहचानने से इनकार कर दिया.

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IAS एलेक्स पॉल
IAS एलेक्स पॉल

IAS एलेक्स पॉल गुरुवार को NIA की कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान उन्होंने नक्सलियों को पहचानने से इनकार कर दिया. वो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर रहे हैं. साल 2012 में नक्सलियों ने एलेक्स पॉल का अपहरण किया था. इस संबंध में कोर्ट में केस चल रहा है. 

साल 2012 में हुआ था IAS एलेक्स पॉल का अपहरण

गौरतलब है कि साल 2012 में IAS एलेक्स पॉल के अपहरण से हड़कंप मच गया था. इस घटना के बाद मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत के बाद उनको रिहा कराया गया था.  

कथित नक्सली को कोर्ट में पेश किया गया था

अपहरण के आरोप में जेल में सजा काट रहे कथित नक्सली को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान IAS पॉल ने कथित नक्सली को पहचानने से इनकार कर दिया.

किडनैप करने के बाद नक्सलियों ने अपने संदेश में कहा था कि वो ताडमेटला गांव की जनता के सामने तीन मई को कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को अपने मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल को सौंप देंगे. ये भी कहा कि वो मध्यस्थों के आभारी है जिन्होंने अपने स्तर पर बेहतरीन कार्य किया. 

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बता दें कि नक्सलियों ने अलेक्स पॉल मेनन को अपहरण करने के साथ ही उनके दो सुरक्षाकर्मियों को गोली मार दी थी. इसके बाद राज्य सरकार से अपने 17 साथियों को रिहा करने समेत पांच मांगें रखी थीं. 

 

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