scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़ः विधानसभा सत्र खत्म होते ही नेताओं को याद आए मतदाता

छत्तीसगढ़ में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. मॉनसून के सक्रिय होते ही नेताओं ने भी अपने आप को भी सक्रिय कर लिया है.

Advertisement
X
छत्तीसगढ़ विधानसभा
छत्तीसगढ़ विधानसभा

Advertisement

छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस समेत तमाम राजनैतिक दलों के नेताओं ने एक बार फिर मतदाताओं की चौखट कर रुख किया है. कई नेता तो पूरे साढ़े चार साल बाद उन इलाकों का रुख करने वाले हैं, जहां पिछली बार पहुंच कर उन्होंने अपने लिए वोट मांगे थे.

बहरहाल अधिकांश नेताओं के दौरे कार्यक्रम का जो चार्ट जारी हुआ है, उसे मतदाता बड़े गौर से पढ़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. मॉनसून के सक्रिय होते ही नेताओं ने भी अपने आप को भी सक्रिय कर लिया है. खेत खलियानों से लेकर धरना प्रदर्शन स्थलों में उनकी मौजूदगी दर्ज होने लगी है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मौजूदा 90 विधायकों में से बीजेपी के पास 49, कांग्रेस के 39, बीएसपी का एक और एक निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं. चौथी विधानसभा के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद नई पंचम विधानसभा का नया सत्र इसी साल दिसंबर में बुलाया जा सकता है.

Advertisement

कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में दिसंबर तक नई सरकार का गठन हो जाएगा, लेकिन नई सरकार का स्वरूप कैसा होगा, इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ विधान सभा के अंतिम दिन विधायकों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विधानसभा के भीतर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपना वक्तव्य देते हुए दावा किया कि वे मिशन 65 के तहत एक बार फिर चौथी बार सरकार बनाएंगे. उन्होंने कई बार कांग्रेस पर तीखा हमला किया.

रमन सिंह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि अभी उनकी सरकार ने 15 साल पूरे किए हैं, लेकिन बीजेपी 30 साल का कार्यकाल पूरा करना चाहती है. मुख्यमंत्री के विश्वास को देखते हुए बीजेपी के विधायकों ने भी दावेदारी शुरू कर दी कि वे फिर जीत कर आ रहे हैं. हालांकि पार्टी यह संकेत काफी पहले ही दे चुकी है कि लगभग आधे विधायकों के ख़राब रिपोर्ट कार्ड के चलते उनके स्थान पर नया उम्मीदवार उतारा जाएगा.

उधर बीजेपी के अरमानों पर पानी फेरने के लिए कांग्रेस भी जद्दोजहद में जुटी गई है. हालांकि पार्टी ने बिखराव के हालात हैं. कांग्रेस के 39 विधायकों में से 3 विधायक पार्टी का हाथ छोड़ जोगी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं.

Advertisement

नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव का दावा है कि जोगी कांग्रेस का पर्दाफ़ाश हो चुका है. वह सिर्फ बीजेपी की राह आसान करने के लिए चुनावी मैदान में है. इसके चलते कांग्रेस में मतविभाजन की स्थिति नहीं बनेगी. उनकी दलील है कि जनता बीजेपी को सबक सिखाने में आमादा है. बीजेपी सिर्फ चुनावी साल वाली पार्टी है. वह हर समय वस्तुओं को चुनाव के समय बांटने की योजना लाती है.

Advertisement
Advertisement