छत्तीसगढ़ में बिना BE अर्थात बेचलर ऑफ इंजीनियरनिंग की डिग्री हासिल किए 89 लोग सब इंजीनियर बन गए. करीब चार साल तक किसी ने सुध तक नहीं ली कि बगैर योग्यता समय पर हासिल किए ये सभी सरकारी पद पर नियुक्त हो गए. हाल ही में एक शख्स ने सभी सब इंजीनियरों की नौकरी हासिल करने की शिकायत की.
इस शिकायत में नियुक्ति में सुनियोजित भ्रष्टाचार का पूरा ब्यौरा था. मामले की जांच हुई तो पिछले दरवाजे से अयोग्य लोगों को मोटी रकम लेकर सरकारी नौकरी देने का खुलासा सामने आया.
अब सभी सब इंजीनियरों और उन्हें नियुक्ति देने वाले अधिकारीयों के खिलाफ चार सौ बीसी का प्रकरण दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. इनमे से 89 सब इंजीनियरों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. इन सभी से वसूली की कार्रवाई भी की जा सकती है.
छत्तीसगढ़ में पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग और व्यावसायिक परीक्षा मंडल की मिलीभगत से फर्जी तरीके से नौकरी देने का बड़ा मामला सामने आया है. पंचायत विभाग के यांत्रिकी सेक्शन के लिए व्यापम ने वर्ष 2011 में सब इंजीनियरों की भर्ती की थी. उस वक्त जितने भी उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए फार्म भरे थे, सभी को परीक्षा में बैठने का मौका मिला था. इसमें से कई लोग ऐसे भी थे जिनकी BE की पढाई पूरी नहीं हुई थी. कुछ तो चयन परीक्षा के समय BE की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा देने वाले थे, पर उनका चयन कर लिया गया.
इनमें से कई ऐसे भी उम्मीदवार थे जिनके पास जाति या निवास प्रमाण पत्रों का भी अभाव था. विभाग में अमले की कमी के चलते राज्य शासन ने सभी को पास होने का अवसर देकर चयन कर लिया और 2013 में सभी को नियुक्ति भी दे दी गई. ये सभी इंजिनियर पिछले चार साल से नौकरी कर रहे है. जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि नियुक्ति के समय किसी ने भी BE की डिग्री हासिल नहीं की थी.
आपको बता दें कि डिग्रीधारी आवेदक को ही चयन परीक्षा में शामिल होने के लिए योग्य माना गया था. अब एक फाइल मंत्रालय में मूव हो रही है जिसमें करीब 89 सब इंजीनियरों का विवरण मांगा गया है. इस मामले में इन सभी इंजीनियरों की नौकरी जानी तय है. इनको बिना योग्यता के सेवा पर रख लिया गया था. जांच के दौरान राज्य सरकार ने विधि विभाग से इस बारे में राय मांगी है ताकि कानूनी कार्यवाही की जा सके.