कालेधन के खिलाफ छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने मोर्चा खोल लिया है. आयकर आयुक्त ने कहा कि विभाग ने 52 बैंकों के लगभग 2600 बैंक शाखाओं से बड़े-छोटे ट्रांजैक्शन की जानकारी मांगी है. उनके मुताबिक कई स्नेहास्पद खातों की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि 500 और 1000 के पुराने नोटों के ट्रांजैक्शन पर भले ही सरकार ने रोक लगा दी हो लेकिन रियल स्टेट सेक्टर के कई सौदों में अब भी पुराने नोट ब्लैक से वाइट हो रहे हैं.
आयकर विभाग ने इन्वेस्टीगेशन टीम को जांच करने के लिए निर्देश दिए हैं. आयकर आयुक्त केसी घुमरिया के मुताबिक रियल स्टेट में अब भी पुराने नोटों से धंधा चल रहा है. उन्होंने आशंका जताई कि बैंको में पुराने नोट जमा करने की मियाद खत्म होने तक यह सौदे होंगे. लिहाजा अधिकारी लगातार छोटे-बड़े सौदे पर नजर रखे हुए हैं.
आयकर विभाग तमाम सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में निगाह रखे हुए है. विभाग ने लोगों को आग्रह किया कि कोई भी व्यक्ति 31 मार्च तक अघोषित आय का खुलासा कर सकता है. इसमें 50 फीसदी टैक्स और पेनाल्टी वसूल किया जायेगा. कुल अघोषित आय की 25 फीसदी राशि बैंक में आरबीआई के खाते में जमा करनी होगी. जो 4 साल बाद बिना ब्याज के वापस मिलेगी. इस योजना के तहत भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग आदि की रकम जमा नहीं कराई जा सकती. आयकर विभाग को इसका शपथ पत्र देना होगा.
आयकर आयुक्त के मुताबिक उनका विभाग ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रहा है. जिन्होंने अपनी आय का वास्तविक ब्यौरा नहीं दिया है. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ऐसे लोगों को 31 मार्च तक का समय दिया गया है. हांलाकि आयकर विभाग ने उन लोगों की भी फेहरिस्त तैयार की है जिन्होंने कालाधन खपाने से लेकर नोटबंदी के दौर में बैंकों से सांठ-गांठ कर लोगों के पुराने नोटों के बदले नए नोट बदलवाने में अपनी भूमिका निभाई.