छत्तीसगढ़ में रियल स्टेट से जुड़े आधा दर्जन बड़े कारोबारियों के 14 ठिकानों पर आयकर विभाग ने दबिश दी है. छापेमारी सुबह तड़के लगभग साढ़े चार बजे की गई. इस वक्त तमाम ठिकानों पर निजी सुरक्षा गार्ड पहरा दे रहे थे. 30 सितंबर के पहले हुई आयकर की इस छापेमारी से हड़कंप मच गया है. काले धन व अघोषित आय को लेकर आयकर घोषणा योजना के तहत अंतिम तिथि 30 सितंबर 2016 है.
यहां पड़ा छापा
जिन बड़े कारोबारियों के यहां आयकर विभाग ने छापा मारा उनमें वीआईपी ग्रुप के राकेश पांडे, लालगंगा ग्रुप के ललित पटवा, पार्थवी ग्रुप के शैलेश वर्मा, ऐश्वर्या ग्रुप के निखिल धगट, कोरब्रिज टावर ग्रुप और संजय बघेल ग्रुप शामिल हैं. 200 से ज्यादा आयकर अधिकारियों ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई, पाटन, बिलासपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर में इन तमाम कारोबारियों के ठिकानों पर एक साथ धावा बोला. आयकर की इस दबिश में रायपुर के अलावा नागपुर, भोपाल, इंदौर और दिल्ली के अधिकारी शामिल हुए. बताया जा रहा है कि कुल मिलाकर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित संपत्ति प्राप्त हुई है.
300 कारोबारियों पर है नजर
छत्तीसगढ़ के मुख्य आयकर आयुक्त के.सी. घुमरिया के मुताबिक, उनके पास बिल्डर, स्टील कारोबारी, कपड़ा, सर्राफा और बड़े हॉस्पिटल के संचालकों की पूरी फेहरिश्त है. इनमें से कई को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है. जिन संस्थाओं, कंपनियों और व्यक्तियों के बारे में विभाग के पास पुख्ता सबूत हैं, उन्ही के यहां 30 सितंबर के पहले छापे मारे जा रहे हैं.अब तक विभाग ने लगभग 500 करोड़ अघोषित आय सरेंडर करवाई है.